पटना : बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रभारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने एक बयान जारी कर कहा है कि राफेल डील मोदी सरकार का एक बड़ा घोटाला है और इस डील में सरकारी प्रक्रियाओं की जमकर धज्जियां उड़ायी गयी है। उन्होंने कहा कि रक्षा खरीद प्रक्रिया अधिनियम 2005 के तहत सभी विदेशी कम्पनियों को रक्षा करार का एक हिस्सा भारत में निवेश करना था जो नहीं हुआ सरकार इसे छिपाना चाह रही है। राफेल लड़ाकू जेट का प्रोद्योगिकी हस्तांतरण नहीं हो रहा है इस पर भी सरकार स्थिति स्पष्ट करने को तैयार नहीं है।
श्री कादरी ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने इस विमान में कुछ अपनी जरूरतों के मुताविक विशेष प्रकार की तबदिली की मांग की थी ताकि अपने हथियार उसमें लगाये जा सकें। सरकार इस पर भी स्थिति स्पष्ट नहीं करना चाहती और न ही चर्चा करना चाहती है। इसका सीधा अर्थ है कि ये लड़ाकू विमान क्लोस सिस्टम की तरह होगा जिसमें हथियार भी फ्रांस से ही खरीद कर लगाने की बाध्यता होगी। क्या इतने गंभीर विषय को स्पष्ट करने की जरूरत इस सरकार को नहीं है?
उन्होंने कहा कि विमान के मूल्य निर्धारण या मोल-भाव में भी मोदी सरकार झूक गयी और भारत की गरिमा से खिलबाड़ किया। फ्रांस जिस विमान को यूपीए शासनकाल में 428 करोड़ डॉलर में देने को तैयार था अब वह यह शर्त रखता है कि मिस्र व कतर जैसे देशों को उसने जिस मूल्य पर करार किया है उसी मूल्य पर ही भारत को भी विमान देगा। ऐसी क्या मजबूरी है कि फ्रांस हमारी तुलना मिस्र और कतर जैसे देश से कर रहा है और हमारी सरकार उस पर भी चुप है।
राफेल सौदा 1555 करोड़ डॉलर प्रति विमान करने को मजबूर है जबकि अमेरिका का सबसे आधुनिक व उत्तम विमान भी 1500 करोड़ डॉलर का ही होता है वह भी प्रोद्योगिकी हस्तान्तरण के साथ। श्री कादरी ने कहा कि जब कांग्रेस सरकार 428 करोड़ डॉलर प्रति राफेल विमान की दर से 126 विमान खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी थी तब मोदी सरकार 1555 करोड़ डॉलर प्रति विमान सिर्फ 36 विमान के खरीद की मंजूरी ही क्यों दी? इन सारे मुद्दों को विस्तार में समझते हुए संसद में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जी द्वारा सबाल उठाये जाने पर प्रधानमंत्री बयान नहीं देते और रक्षा मंत्री इन बातों को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ बहाना बना रही हैं जबकि राष्ट्रीय सुरक्षा सिर्फ उसकी प्रोद्योगिकी हस्तान्तरण को गोपनीय रखने तक तो समझ में आती है जो कि हो रहा है।
इसे बहुत स्पष्टता के साथ कोई भी व्यक्ति समझ सकता है कि यहां दाल में काला नहीं बल्कि पूरा दाल ही काली है यह अबतक के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है। बिहार कांग्रेस इसकी जेपीसी जांच की मांग को मजबूती से दोहराती है।
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