राफेल सौदे को लेकर जांच के लिए फ्रांस में एक जज की नियुक्ति के बाद भारत में एक बार फिर इस मुद्दे पर सियासत शुरू हो गई। राफेल डील को लेकर फ्रांस सरकार के इस बड़े कदम के बाद कांग्रेस ने सवाल खड़े करते हुए जेपीसी जांच की मांग की है। इस पर भड़कते बीजेपी ने हुए कांग्रेस पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है।
बीजेपी के वरिष्ठ प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस को झूठ और मिथकों का पर्याय बताते हुए कहा, कांग्रेस ने एक बार फिर झूठ बोला है। उन्होंने काह, फ्रांस में राफेल सौदे को लेकर जांच होने वाली है। यह स्वाभाविक है। किसी NGO ने फ्रांस की कोर्ट में शिकायत की थी, इस जांच को भ्रष्टाचार की नज़र से देखना ठीक नहीं है। लेकिन इसपर राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी जिस तरह से राजनीति कर रहे हैं वह दुखद है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, फ्रांस की वेबसाइट 'मीडियापार्ट' ने रिलायंस-डसॉल्ट डील के सारे सबूत सार्वजनिक कर दिए हैं। मोदी सरकार और 'जानेमन' डील (राफेल डील) अब साफ हो गई है। क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब संयुक्त संसदीय समिति की जांच की अनुमति देंगे?
उन्होंने कहा, "बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार', 'देशद्रोह', 'राजकोष को नुकसान' से जुड़े 'राफेल घोटाले' का घिनौना सच आखिरकार बेनकाब हो गया है। कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी आज सही साबित हुए हैं"
दरअसल, फ्रांस सरकार ने करीब 59,000 करोड़ रुपये की राफेल डील में जांच के आदेश दिए हैं और इसके एक फ्रांसीसी जज को नियुक्त किया गया है। फ्रांस की पब्लिक प्रॉसिक्यूशन सर्विसेज की फाइनेंशियल क्राइम ब्रांच (PNF) ने कहा, इस डील को लेकर लगाए गए भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोप की जांच की जाएगी।
वहीं फ्रांसीसी वेबसाइट मीडियापार्ट का कहना है कि फ्रांसीसी जांच एजेंसी राफेल सौदे में हुई 'कथित घूस' को लेकर जारी संदेहों को दबाना चाहती है। हालांकि, दसाल्ट ने इन आरोपों का खंडन किया और दावा किया कि राफेल डील में कोई गड़बड़ी नहीं हुई। भारत सरकार भी डील में किसी तरह के घोटाले का खंडन कर चुकी है।