कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर सोमवार को सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि किसके अच्छे दिन हैं। उन्होंने एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘कारोबार करने की सुगमता नहीं है। बेरोजगार युवाओं का दर्द है। मोदी सरकार आदतन झूठ बोलती है। किसके अच्छे दिन?’’ कांग्रेस नेता ने जिस खबर का हवाला दिया उसके मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की 67 प्रतिशत इकाइयां अस्थायी रूप से बंद हो गई हैं और मुनाफा भी 66 प्रतिशत गिर गया है।
राहुल ने बेरोजगारी पर किया मोदी सरकार से सवाल
इस खबर में यह भी कहा गया है कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान 25 प्रतिशत एमएसएमई इकाइयों के राजस्व में गिरावट आई। बता दें कि कांग्रेस अक्सर केंद्र की मोदी सरकार का बेरोजगारी और विकास के मुद्दे पर घेराव करती रहती है। इससे पहले प्रियंका गांधी समेत पार्टी के कई बड़े नेता भी कई बार बेरोजगारी और नौकरियों में कमी के मुद्दे पर सरकार पर सवाल उठा चुके हैं। वहीं राज्यसभा में भी कांग्रेस नेता द्वारा बेरोजगारी का मुद्दा उठाया गया, उन्होंने कहा कि देश के समक्ष बेरोजगारी एक बहुत बड़ी चुनौती है यह स्थिति बेहद ‘‘खौफनाक’’ है।
राज्यसभा में भी कांग्रेस नेता ने उठाया यह मुद्दा
आर्थिक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कांग्रेस सदस्य ने कहा कि आज देश के 42 करोड़ युवा बेरोजगार हैं। उन्होंने कहा, ‘‘गरीबों और अमीरों के बीच की खाई बढ़ती जा रही है, रोजगार और उद्योग व बाजार टूट रहे हैं।’’नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने का जिक्र करते हुए शर्मा ने कहा कि अगर अमीर और गरीब के बीच की खाई बढ़ती जाए तो समाज इसे स्वीकार नहीं करेगा।उन्होंने कहा, ‘‘आज एक प्रतिशत भारतवासियों के पास देश का 42.5 प्रतिशत पैसा है और 10 प्रतिशत के पास 74.3 प्रतिशत पैसे हैं। इस स्थिति पर गौर करना पड़ेगा।’’