कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार का विकास सिर्फ चंद पूंजीपतियों के लिए है और देश कि जनता पर उनका कोई ध्यान नहीं है जिसके कारण 4 करोड़ से अधिक लोग फिर गरीबी के दलदल में पहुंच गए है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का विकास कार्यक्रम सिर्फ उनके 2 पूंजीपति मित्रों के लिए है और उनके इन मित्रों का इतना विकास हुआ है कि वह बाहर छलकने लगा है।
राहुल ने कसा मोदी सरकार पर तंज, कहा- ‘विकास ओवरफ्लो’
राहुल गांधी ने मोदी सरकार के विकास पर तंज करते हुए ट्वीट किया,‘‘विकास ओवरफ्लो’ सिर्फ ‘हमारे दो’ के लिए। जबकि हमारे 4 करोड़ भाई-बहन गरीबी में धकेले जा रहे हैं। चार करोड़ का यह आंकड़ा भर नहीं है बल्कि यह एक वास्तविकता है। इन चार में से हर व्यक्ति बेहतर जीवन का हकदार था क्योंकि इनमें प्रत्येक व्यक्ति भारतीय है।’’
‘Vikas overflow’ only for ‘Humare Do’!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 23, 2022
While our 4,00,00,000 brothers & sisters are pushed into poverty.
Each of these 4,00,00,000 is a real person, not just a number.
Each of these 4,00,00,000 deserved better.
Each of these 4,00,00,000 is India!#BJPfailsIndia pic.twitter.com/QQCbYliXZ3
नागरिकों के कर्तव्यों और अधिकारों को लेकर राहुल ने किया केंद्र का घेराव
इसके साथ ही नागरिकों के कर्तव्यों और अधिकारों पर अपनी टिप्पणी के लिए पीएम मोदी पर भड़कते हुए, राहुल गांधी ने शनिवार को सवाल किया था कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र सार्वजनिक अधिकारों के बिना कैसे काम कर सकता है। भोजन, शिक्षा, रोजगार और सूचना के अधिकार को सूचीबद्ध करते हुए उन्होंने सवाल किया कि इन मौलिक अधिकारों के बिना भारत कैसे कार्य कर सकता है। मोदी सरकार पर नागरिकों के अधिकारों को नष्ट करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने सवाल किया कि पीएम को किन अधिकारों पर आपत्ति है और क्यों।
राहुल गांधी ने पूछा लोक अधिकारों के बिना लोकतंत्र का क्या मतलब है?
गांधी ने ट्वीट किया, "सार्वजनिक अधिकारों के बिना दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का क्या मतलब है? मोदी सरकार शुरू से ही लोगों के अधिकारों को नष्ट करने की कोशिश कर रही है। क्या आप मौलिक अधिकारों सहित इन अधिकारों के बिना भारत की कल्पना भी कर सकते हैं?" यूपीए के रोजगार के अधिकार और सूचना के अधिकार के कानूनों को सूचीबद्ध करते हुए गांधी ने पूछा, "इनमें से किस अधिकार पर पीएम को आपत्ति है? और क्यों?"