किसान नेताओं के साथ सातवें दौर की वार्ता के एक दिन बाद मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर हमला बोला है। सातवें दौर की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद अब आठ जनवरी को आठवें दौर की वार्ता होनी है।
Modi Govt’s apathy & arrogance have claimed lives of over 60 farmers.
Instead of wiping their tears, GOI is busy attacking them with tear gas. Such brutality, just to promote crony capitalists’ business interests.
Repeal the anti-farm laws.#मोदी_सरकार_ज़िद_छोड़ो
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 5, 2021
राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा, मोदी सरकार की उदासीनता और अहंकार ने 60 से अधिक किसानों के जीवन का अंत कर दिया है। उनके आंसू पोंछने के बजाय, भारत सरकार उन पर आंसू गैस से हमला कर रही है। ऐसी क्रूरता सिर्फ पूंजीपतियों के व्यावसायिक हितों को बढ़ावा देने के लिए है। कृषि विरोधी कानूनों को निरस्त करें।
राहुल गांधी कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर लगातार हमला कर रहे हैं और कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। सोमवार को विज्ञान भवन में सरकार के साथ किसान समूहों की सातवें दौर की वार्ता अनिर्णीत रही क्योंकि किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े रहे।
बता दें कि कृषि सुधार से संबंधित तीन कानूनों को वापस लेने और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दर्जा देने की मांग को लेकर किसान संगठनों का आन्दोलन राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को 41 वें दिन भी जारी रहा। पिछले तीन दिनों से खराब मौसम के बावजूद किसान संगठनों के नेता और कार्यकर्ता राजधानी की सीमाओं पर धरना प्रदर्शन जारी रखे हुये हैं। किसान संगठनों ने अपनी मांगों के पूरा होने तक संघर्ष जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया है। इस आन्दोलन को अलग-अलग संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है।
इस बीच कल किसान संगठनों और सरकार के बीच सातवीं दौर की हुई वार्ता में कोई निर्णय नहीं हो सका। वार्ता के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों के साथ बातचीत बहुत ही अच्छे माहौल में हुई है और उन्हें विश्वास है कि समस्या का समाधान जल्द ही हो जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के समग्र हित को ध्यान में रखकर कृषि सुधार कानूनों को बनाया है और इससे यदि उन्हें कोई परेशानी हो रही है तो सरकार उस पर चर्चा के लिए तैयार है।