कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 77वीं जयंती पर शुक्रवार को उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने धर्मनिरपेक्ष भारत के संदर्भ में अपने पिता के एक कथन को याद करते हुए फेसबुक पर पोस्ट किया कि धर्मनिरपेक्ष भारत इकलौता ऐसा देश है जिसका अस्तित्व बना रह सकता है। उन्होंने वीरभूमि पहुंचकर राजीव गांधी की समाधि पर पुष्प अर्पित किए।
वहीं पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया और कहा कि राजीव जी की 77वीं जयंती पर उन्हें याद करता हूं। वह एक दूरदर्शी नेता थे जिन्होंने 21वीं सदी के लिए भारत को एक आकार दिया, जिन्होंने जीवन के हर क्षेत्र को छुआ जिससे सपने हकीकत में बदले, जिन्होंने नौजवानों, महिलाओं, पिछड़ों और गरीबों को सशक्त बनाया। कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी राजीव गांधी और देश के विकास में उनके योगदान को याद किया।
पूर्व प्रधानमंत्री की 77वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘हमारे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन’।
Tributes to our former PM Shri Rajiv Gandhi Ji on his birth anniversary.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 20, 2021
लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने लिखा, ‘पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धासुमन’। राजीव गांधी आकर्षक व्यक्तित्व के धनी थे। उनकी शख्सियत के लगभग सभी पहलू लोगों का ध्यान खींचते थे। उनके बोलने का अंदाज़ निराला था। वह एक जिम्मेदार और समर्पित प्रधानमंत्री थे। वह भारत को दुनिया में एक प्रभावशाली भूमिका में देखना चाहते थे। 80 के दशक में ही उन्होंने 21वीं सदी के भारत का सपना देखा था।
पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धासुमन।
— Om Birla (@ombirlakota) August 20, 2021
राजीव गांधी का राजनीतिक जीवन
राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को हुआ था। उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर 1984 से 1989 तक देश का नेतृत्व किया। वर्ष 1991 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान उनकी हत्या कर दी गई थी। राजीव गांधी की राजनीति में कोई रूचि नहीं थी और वो एक एयरलाइन पाइलट की नौकरी करते थे।
परन्तु 1980 में अपने छोटे भाई संजय गांधी की एक हवाई जहाज दुर्घटना में असामयिक मृत्यु के बाद अपनी माता इंदिरा गांधी को सहयोग देने के लिए सन् 1981 में राजीव गांधी ने राजनीति में प्रवेश लिया। वो अमेठी से लोकसभा का चुनाव जीत कर सांसद बने और 31 अक्टूबर 1984 को अंगरक्षकों द्वारा प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या किए जाने के बाद भारत के प्रधानमंत्री बने और अगले आम चुनावों में सबसे अधिक बहुमत पाकर प्रधानमंत्री बने रहे।