कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि देश में आर्थिक मंदी स्पष्ट रूप से नजर आ रही है, लेकिन ‘नीतिगत दिवालियेपन की शिकार’ इस सरकार के पास कोई जवाब नहीं है।
राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘भारतीय परिवार महंगाई और नौकरियां जाने की मार झेल रहे हैं। आज प्रति व्यक्ति आय दो साल पहले की तुलना में भी कम है। प्रति व्यक्ति आय 94,270 रुपये से घटकर 91,481 रुपये हो गई है। भारत की आर्थिक मंदी साफ नजर आती है। नीतिगत दिवालियेपन की शिकार भाजपा सरकार के पास कोई जवाब नहीं है।’’ उन्होंने दावा किया कि आर्थिक हालात आगे और खराब होंगे।
गरीब की नयी परिभाषा
दरअसल, वर्ल्ड बैंक ने साल 2017 की कीमतों का उपयोग करते हुए नई वैश्विक गरीबी रेखा 2.15 डॉलर पर निर्धारित की गई है। यानी अब जो भी व्यक्ति 2.15 डॉलर से कम 166 यानी रुपयों में रोज अपना गुजारा करता है, तो उसे अत्यधिक गरीबी में रहने वाला माना जाएगा। साल 2017 में वैश्विक स्तर पर सिर्फ 70 करोड़ लोग इस स्थिति में थे, लेकिन मौजूदा समय में यह संख्या बढ़ने की आशंका है।
भारत बीपीएल की स्थिति में साल 2011 की तुलना में 2019 में 12.03 प्रतिशत की गिरावट आई है। ग्रामीण गरीबी में कमी आई है यानी वहां पर लोगों की आमदनी में इजाफा हुआ है। एक रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में साल 2019 से आधी घटकर 10.02 फीसदी दर्ज की गई। वहीं साल 2011 की बात करे तो यह 22.05 फीसदी थी। इन आंकड़ों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यंत गरीबों तेजी से गिरावट आई है।