कोविड-19 और लॉकडाउन को लेकर विपक्षी के तरफ से लगातार केंद्र की रणनीति पर सवाल उठाया जा रहा है। इस बीच कांग्रेस ने गरीबों, मजदूरों और एमएसएमई की मदद की मांग को लेकर आज यानि गुरुवार को विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर ‘स्पीकअप इंडिया’ अभियान की शुरुआत की। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना संकट के इस मौजूदा समय में देश को कर्ज नहीं बल्कि वित्तीय मदद की जरूरत है।
Shri @RahulGandhi urges the Govt to provide immediate cash assistance to the poorest families in India & increase the MNREGA working days to 200 days in a year to ease the burden of this pandemic on the people. #SpeakUpIndia pic.twitter.com/iPthwhgG3E
— Congress (@INCIndia) May 28, 2020
उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार गरीबों के खाते में छह महीने के लिए 7500 रुपये प्रति माह भेजे तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) को आर्थिक पैकेज दिया जाए। एक वीडियो जारी कर उन्होंने सरकार से यह आग्रह भी किया कि वह मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए मुफ्त परिवहन सेवा उपलब्ध कराए और मनरेगा के तहत साल में 200 कामकाजी दिन सुनिश्चित करे।
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राहुल ने कहा, ‘‘कोविड के कारण भारत में एक तूफान आया हुआ है। सबसे ज्यादा चोट गरीब जनता को लगी है। मजदूरों को सैकड़ों किलोमीटर भूखा-प्यासा और पैदल चलना पड़ रहा है। एमएसएमई हमारे देश की रीढ़ की हड्डी हैं और बड़े पैमाने पर रोजगार देते हैं। ये एक के एक बाद बंद हो रहे हैं।’’ उनके मुताबिक आज हिंदुस्तान को कर्ज की नहीं, पैसे की जरूरत है। गरीब आदमी को पैसे की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी सरकार से चार मांगे हैं। पहली मांग यह है कि हर गरीब परिवार के खाते में छह महीनों के लिए 7500 रुपये प्रति माह डाला जाए। मनरेगा को 200 दिन के लिए चलाया जाए। एमएसएमई के लिए तत्काल एक पैकेज दिया जाए। मजदूरों को वापस भेजने के लिए तत्काल सुविधा उपलब्ध कराई जाए।’’