सूरत की अदालत में सोमवार को अपील दायर करने से पहले सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा राहुल गांधी के आवास पर पहुंचीं। पार्टी अपनी ताकत दिखाने की योजना बना रही है। कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि के खिलाफ अपील दाखिल करने के दौरान उनके साथ सूरत जा रहे हैं।
लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था
राहुल गांधी सोमवार को गुजरात के सूरत की एक अदालत में मौजूद रहेंगे। वहां वो आपराधिक मानहानि मामले में दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ अपील दायर करेंगे। पार्टी के कार्यकर्ता और नेता भी वहां पहुंचेंगे। पार्टी सूत्रों ने कहा कि कानूनी टीम ने अपील के लिए पूरी तैयारी कर ली है। राहुल गांधी को 23 मार्च को मानहानि के मामले में दोषी ठहराया गया था और दो साल की जेल की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद उन्हें लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
किसी व्यक्ति की आपराधिक मानहानि के दोषी व्यक्ति के लिए सजा
आपको बता दें अदालत ने 52 वर्षीय गांधी को भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) और 500 (किसी व्यक्ति की आपराधिक मानहानि के दोषी व्यक्ति के लिए सजा) के तहत दोषी ठहराया था। हालांकि, अदालत ने गांधी को उसी दिन जमानत भी दे दी थी और उनकी सजा के अमल पर 30 दिन के लिए रोक लगा दी थी, ताकि वह ऊपरी अदालत में अपील दाखिल कर सकें। सूरत की अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद, लोकसभा सचिवालय ने 24 मार्च को एक अधिसूचना जारी कर गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया था।
दोषसिद्धि की तारीख से अयोग्य
लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद गांधी आठ साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे, बशर्ते कोई उच्च अदालत उनकी दोषसिद्धि तथा सजा पर रोक न लगा दे। राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उस टिप्पणी को लेकर शिकायत दर्ज करायी थी जिसमें उन्होंने कहा था, ‘‘सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों है?’’ गांधी ने 13 अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कर्नाटक के कोलार में एक रैली को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की थी। जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 के मुताबिक, दो साल की जेल की सज़ा मिलने पर सांसद या विधायक संसद या विधानसभा की अपनी सदस्यता से, दोषसिद्धि की तारीख से अयोग्य हो जाता है।