किसान आंदोलन और कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच घमासान जारी है। इन मुद्दों पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर हैं। इस बीच उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के विनिवेश को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। राहुल ने केंद्र पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी के विकास मॉडल से पीएसयू की संख्या घट जाएगी और इससे देश का नुकसान होगा।
Mr Modi’s ‘Vikas’- PSUs to be shrunk to one-tenth.
Country’s loss, crony’s gain.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 9, 2021
राहुल ने ट्वीट कर कहा कि “मोदी का ‘विकास’- सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) की संख्या घटकर दहाई रह जाएगी। देश का नुकसान, घनिष्ठ मित्रों का फायदा।” इससे पहले राहुल ने रक्षा बजट को लेकर प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए सोमवार को कहा कि उन्हें किसानों और जवानों में से किसी की चिंता नहीं है और वह सिर्फ अपने तीन-चार पूंजीपति मित्रों की मदद के लिए काम करते हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सितारमण ने कहा है कि सरकार की नई विनिवेश नीति, जिसमें पब्लिक सेक्टर के दो बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव शामिल है, ‘परिवार के गहने बेचने’ जैसा नहीं है। सीतारमण ने रविवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार का ध्यान सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) को मजबूत करना है और यह सुनिश्चित करना है कि वे पेशेवर रूप से खुद को चलाएं। उन्होंने कहा, इसे सही नजरिए से देखा जाना चाहिए। यह वैसा नहीं है, जैसा कि विपक्ष कहता है कि ‘परिवार के गहने बेचना’ जैसा। परिवार के गहने आपकी ताकत होने चाहिए।
1 फरवरी को अपना तीसरा बजट पेश करने वाली वित्त मंत्री ने कहा कि सामरिक क्षेत्र पूरी तरह से सरकार के अधीन नहीं रहेंगे और निजी क्षेत्र के उद्योगपतियों को भी अनुमति दी जाएगी। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट पेश करते हुए सीतारमण ने प्रस्ताव दिया था कि आईडीबीआई बैंक के साथ-साथ अगले वित्तीय वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के 2 बैंक विनिवेश के लिए तैयार होंगे। आगामी वित्तीय वर्ष में एक बीमा कंपनी का भी निजीकरण किया जाएगा।