कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में बढ़ती बेरोजगारी और एक महीने से अधिक समय से चल रहे किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार पर हमला करते हुए मंगलवार को कहा कि उसे किसान, मजदूर, गरीब तथा आम आदमी की नहीं बल्कि पूंजीपति मित्रों की चिंता है।
युवा पर बेरोज़गारी की मार,
जनता पर महंगाई का अत्याचार,
किसान पर ‘मित्रों’ वाले क़ानूनों का वार,
यही है मोदी सरकार। pic.twitter.com/WbmI30Ru0B— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 29, 2020
राहुल ने ट्वीट किया ‘युवा पर बेरोजगारी की मार जनता पर महंगाई का अत्याचार, किसान पर ‘मित्रों’ वाले कानूनों का वार, यही है मोदी सरकार।’ इसके साथ ही उन्होंने एक खबर पोस्ट की जिसमें लिखा है कि नवंबर में 35 लाख लोगों से छीन गईं नौकरियां। देश में रोजगार घटा बेरोजगारी बढ़ी।
बता दें कि कृषि कानून को लेकर किसान आंदोलन मंगलवार को 34वें दिन जारी है। किसानों के मसले का समाधान तलाशने और आंदोलन को समाप्त करने के लिए सरकार के साथ किसान नेताओं की वार्ता अब 30 दिसंबर को होगी। सरकार द्वारा तय तारीख और समय के अनुसार वार्ता के लिए आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान संगठन भी तैयार हैं। किसान नेताओं की तरफ से पहले यह वार्ता आज (मंगलवार) प्रस्तावित थी। मगर, सोमवार को सरकार की तरफ से किसान संगठनों को भेजे गए पत्र में उन्हें वार्ता के लिए 30 दिसंबर को दोपहर दो बजे विज्ञान भवन आमंत्रित किया गया है।
संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले करीब 40 किसान संगठनों के नेताओं की अगुवाई में देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसान बीते महीने 26 नवंबर से डेरा डाले हुए हुए हैं। आंदोलनकारी किसान केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं।