मध्य प्रदेश के सीधी कांड को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रदेश की शिवराज सरकार और केंद्र पर हमला बोला। कांग्रेस के पूर्व ने कहा कि नए भारत की सरकार सच से डरती है। सोशल मीडिया पर एक पत्रकार समेत कुछ लोगों की अर्धनग्न तस्वीर वायरल पर राहुल की यह प्रतिक्रिया सामने आई है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया करते हुए ट्वीट कर कहा, लॉकअप में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का चीरहरण! या तो सरकार की गोद में बैठकर उनके गुणगान गाओ, या जेल के चक्कर काटो। नए भारत की सरकार, सच से डरती है।
लॉकअप में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का चीरहरण!
या तो सरकार की गोद में बैठकर उनके गुणगान गाओ, या जेल के चक्कर काटो।
‘नए भारत’ की सरकार, सच से डरती है। pic.twitter.com/HpterG5Zbv
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 8, 2022
क्या है मामला?
दरअसल, मध्य प्रदेश के सीधी जि़ले में कुछ लोगों समेत एक पत्रकार को अर्धनग्न अवस्था में पुलिस थाने में खड़े होने की तस्वीर वायरल हुई है। पुलिस प्रसाशन पर आरोप है कि ये लोग एक स्थानीय रंगकर्मी की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे, जिसके बाद पुलिस ने इन सभी को पकड़ कर उनके कपड़े उतरवा कर थाने में इनकी परेड निकाली। हालांकि, स्थानीय पुलिस ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है।
पत्रकार कनिष्क तिवारी ने एक वीडियो जारी कर कहा कि बीते 2 अप्रैल को एक बेहद नींदनीय घटना हुई। मैं एक धरना प्रदर्शन को कवर करने गया था। मेरे कैमरामैन ने घटना को रिकॉर्ड भी किया है। सिटी कोतवाली थाने की पुलिस मुझे जबरन धक्का देकर थाने के अंदर ले गई। मुझे मारा-पीटा गया। मेरे कपड़े उतरवाए गए। और कहा गया कि अगर विधायक और पुलिस के खिलाफ खबर चलाओगे तो पूरे शहर में चड्डी पहनाकर जुलूस निकलवाऊंगा।
वहीं दूसरी ओर एसएसपी मुकेश कुमार ने के अनुसार नीरज कुंदेर एक रंगकर्मी हैं, उनकी गिरफ्तारी के बाद लोग प्रदर्शन करने आए थे, थाने के बाहर आपत्तिजनक नारेबाजी कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें समझाया, लेकिन वो नहीं माने इसके बाद देर रात में प्रदर्शनकारियों को भी हिरासत में लिया गया था और विधिवत 151 के तहत गिरफ्तार भी किया गया था।
बता दें कि सीधी जिले में एक नाट्य कलाकार की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ पत्रकार को भी हिरासत में लिया गया। इंद्रावती नाट्य समिति के संचालक एवं नाट्य कलाकार नीरज कुंदेर की गिरफ्तारी के विरोध में नाट्य कलाकारों ने दो अप्रैल को कोतवाली पुलिस थाने के समक्ष शासन के खिलाफ नारेबाजी की थी जिसके बाद प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया था।