किसान आंदोलन पर सियासत गरमाती जा रही है। किसानों ने मंगलवार को कृषि कानूनों के खिलाफ भारत बंद का आह्वान किया है। केंद्र सरकार के इन तीन कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी कई बार सोशल मीडिया के जरिए अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं। सोमवार को उन्होंने कृषि कानूनों को ‘अदानी-अंबानी कृषि कानून’ करार दिया।
राहुल ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘अदानी-अंबानी कृषि कानून’ रद्द करने होंगे। और कुछ भी मंजूर नहीं! किसानों के भारत बंद को संपूर्ण विपक्ष का समर्थन मिल रहा है। कोई खुद किसानों से मिलने सिंधु बॉर्डर पहुंच रहा है तो कोई सोशल मीडिया के जरिए अपना समर्थन व्यक्त कर रहा है।
‘अदानी-अंबानी कृषि क़ानून’ रद्द करने होंगे।
और कुछ भी मंज़ूर नहीं!The ‘Adani-Ambani Farm Laws’ have to be revoked.
Nothing less is acceptable.— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 7, 2020
विपक्षी दलों समेत कई क्षेत्रीय संगठनों ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के ‘भारत बंद’ के आह्वान को अपना समर्थन दिया। इन कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन पिछले 12 दिन से जारी है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के प्रमुख एम के स्टालिन तथा गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला समेत प्रमुख विपक्षी नेताओं ने रविवार को एक संयुक्त बयान जारी कर किसान संगठनों द्वारा बुलाये गये ‘भारत बंद’ का समर्थन किया और केंद्र पर प्रदर्शनकारियों की वैध मांगों को मानने के लिए दबाव बनाया।