गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए मतदान की तारीखें नजदीक हैं। ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही किला फतह करने की कोशिशों में लगी है। ऐसे में राहुल गांधी हर संभव कोशिश कर रहे हैं। शुक्रवार को एक बार फिर गुजरात नवसृजन यात्रा के चारों दौर की यात्रा को पूरा करने के बाद सियासी रण में उतरने जा रहे हैं।
राहुल गांधी दो दिवसीय दौरे के तहत इस बार दलित शक्ति केंद्र का दौरा करेंगे। और साथ ही पूरे सम्मान के साथ राष्ट्रीय ध्वज को स्वीकार करेंगे। इकना ही नहीं भारत को छुआ-छूत जैसी कुप्रथाओं से मुक्त करने के लिए राहुल शपथ भी लेंगे।
आपको बता दे कि इसी दलित शक्ति केंद्र पर विजय रुपाणी को राष्ट्रीय ध्वज पेश किया गया था, लेकिन उन्होंने स्वीकार करने से मना कर दिया.
दलित शक्ति केंद्र द्वारा जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक ये भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय ध्वज, है जो 125 फुट चौड़ा और 83.3 फुट ऊंचा है। एक समय इसे गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को सौंपा जाना था और उन्हें बाबासाहेब अंबेडकर ने जिस तरह से छुआ-छूत प्रथाओं को खत्म करने के लिए कदम उठाए थे उसी तरह के प्रयास करने के लिए कहा गया था।
इस पेशकश पर गुजरात के मुख्यमंत्री की ओर से गांधीनगर कलेक्ट्रेट के अधिकारियों ने कहा कि उनके पास राष्ट्रीय ध्वज रखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। इसलिए मुख्यमंत्री इस ध्वज को नहीं ले सकते हैं।