कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश में इस समय परीक्षाएं आयोजित किए जाने का विरोध करते हुए शुक्रवार को कहा कि छात्रों को पिछले सत्र के प्रदर्शन के अधार पर पास कर दिए जाने की मांग की।
देश में कोरोनावायरस के चलते पैदा हालात के मद्देनजर परीक्षाएं रद्द किए जाने के पक्ष में पार्टी की ओर से चलाए जा रहे ‘छात्रों के लिए हल्ला बोल’ अभियान का समर्थन करते हुए राहुल ने कहा, कोविड-19 महामारी के दौरान परीक्षाएं संचालित किया जाना बिल्कुल अनुचित है।
यूजीसी को छात्रों और शिक्षाविदों की आवाज सुननी चाहिए। परीक्षाएं रद्द की जानी चाहिए और छात्रों को पिछले प्रदर्शन के आधार पर प्रोन्नत किया जाना चाहिए। कांग्रेस ने कहा कि महामारी ने देश में डिजिटल बंटवारे को उजागर किया है।
लाखों छात्र इंटरनेट कनेक्शन और ऑनलाइन पढ़ाई के लिए डिवाइस जैसी सुविधाओं से वंचित हैं और वे परीक्षाओं में बैठते हैं। विपक्षी दल ने पूछा, ऐसे हालात में छात्रों को परीक्षा के लिए बैठाया जाना क्या उचित है? विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) चाहता है कि परीक्षाएं ऑफलाइन मोड में यानी कागज और कलम के जरिए ली जाएं या सितंबर के अंत तक ऑनलाइन ली जाएं, ताकि टर्मिनल-सेमेस्टर और अंतिम वर्ष के छात्रों के शैक्षिक हित को नुकसान न पहुंचे।