कोरोना वायरस (कोविड-19) संकट से निपटने की रणनीति और लॉकडाउन को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र पर हमलावर है। इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना महामारी ने बहुत लोगों को चोट पहुंचायी है लेकिन इसने सबसे ज्यादा दर्द प्रवासी मजदूरों को दिया है। उन्होंने कहा इस दौरान मजदूरों को पीटा गया, रोका गया, डराया-धमकाया गया किंतु वे रुके नहीं और अपने घरों की तरफ चलते रहे।
Watch this short film in which I speak with India’s real nation builders, our migrant brothers & sisters. https://t.co/As99mjVvyt
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 23, 2020
राहुल ने प्रवासी मजदूरों के साथ बातचीत का एक वीडियो शनिवार को जारी करते हुए कहा कि मजदूरों को डरने की कोई जरूरत नहीं है। वह उनकी समस्याओं के निदान का प्रयास कर रहे हैं और उन्हें उनके घरों तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने हरियाणा से अपने घरों को लौट रहे उत्तर प्रदेश के कुछ श्रमिकों के साथ बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनते हुए कहा कि रोजी रोटी छिनने के कारण परेशान हजारों मजदूर पैदल सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मजदूर सिर्फ काम चाहते हैं। प्रवासी श्रमिक इस बात से सबसे ज्यादा नाराज हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन लागू करते समय उनकी परवाह नहीं की तथा एकाएक लॉकडाउन की घोषणा कर दी। श्रमिक परेशान हैं कि इसे लगातार बढाया जा रहा है और उन्हें अपने घर जाने का मौका नहीं मिल रहा है। काम नहीं होने के कारण मजदूर सिर्फ अपने घरों तक पहुंचना चाहते हैं इसलिए पैदल चल रहे हैं।
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वीडियो में श्रमिकों ने कांग्रेस नेता से कहा कि लॉकडाउन लागू करने से पहले मोदी को सोचना चाहिए था कि इस मुल्क में गरीब भी रहते हैं जो दिन में कमाते हैं और शाम को उसी कमाई से पेट भरते हैं। उन्हें गरीबों का ध्यान रखना चाहिए था और उसी के हिसाब से निर्णय लेना चाहिए था लेकिन वह हमेशा की तरह अचानक टीवी पर आए और पूरे देश में लॉकडाउन लागू कर दिया।
राहुल ने कहा कि सरकार को इन मजदूरों को उनके घर पहुंचाना चाहिए और 13 करोड़ जरूरतमंद परिवारों की सरकार को तुरंत मदद करनी चाहिए और उनके खाते में 7500 रुपये जमा करने चाहिए ताकि उन्हें अब और अधिक संकट का सामना नहीं करना पड़े।