देश में तीनों नए कृषि कानूनों का भारी विरोध हुआ, जिसके बाद आज, सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन केंद्र सरकार ने इन कानूनों को निरस्त करने के लिए एक विधेयक को पारित करा दिया। कृषि कानूनों की वापसी पर लोकसभा और राज्यसभा से मुहर लगने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नई मांग उठा दी है।
तो फिर आंदोलन के दौरान मरे किसानों के परिजनों को मुआवजा देना चाहिए
उन्होंने कहा कि इन बिलों का वापसी और खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में यह माना था कि हमसे गलती हुई है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने माना है कि उनसे गलती हुई है तो फिर आंदोलन के दौरान मरे किसानों के परिजनों को मुआवजा देना चाहिए। राहुल गांधी ने कहा, ‘हमने कहा था कि इन तीन काले कानूनों को सरकार को वापस लेना होगा। देश के 3 से 4 पूंजीपतियों के आगे किसानों की शक्ति कमजोर नहीं हो सकती।’
चर्चा नहीं होने दी-MSP परशहीद अन्नदाता के लिए न्याय परलखीमपुर मामले में केंद्रीय मंत्री की बर्ख़ास्तगी पर…जो छीने संसद से चर्चा का अधिकार,फ़ेल है, डरपोक है वो सरकार।— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 29, 2021
यह किसानों और मजदूरों की सफलता है- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि यह किसानों और मजदूरों की सफलता है। लेकिन जिस तरह से ये कानून रद्द किए गए, संसद में इसके बारे में चर्चा नहीं होने दी। यह दिखाता है कि सरकार चर्चा से डरती है। इससे पता चलता है कि सरकार जानती है कि उन्होंने गलत काम किया। हमें चर्चा उन लोगों के बारे में करनी है, जो आंदोलन के शहीद हो गए। हमें इस बारे में चर्चा करनी थी कि किसानों के खिलाफ बनाए गए कानूनों के पीछे किसकी शक्ति थी।
किसानों, गरीबों और मजदूरों को दबाया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हो सका
इसके अलावा एमएसपी, लखमीपुर खीरी एवं किसानों की अन्य समस्याओं पर डिस्कशन होना था। इसे सरकार ने होने नहीं दिया। सरकार के अंदर एक कन्फ्यूजन है। वह सोचती है कि किसानों, गरीबों और मजदूरों को दबाया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
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आंदोलन में शहीद हुए 700 लोगों के परिवानों को उन्हें मुआवजा देना चाहिए
यही नहीं राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के दौरान आंदोलनकारियों को किसानों का एक समूह बताए जाने पर भी ऐतराज जताया। राहुल गांधी ने कहा कि पहले आप लोगों ने उन्हें खालिस्तानी बताया और अब उन्हें किसानों का एक समूह बता रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद इन बिलों को वापस लेने का ऐलान करते हुए माफी मांगी है। ऐसे में यदि उन्होंने माफी मांगी है तो फिर आंदोलन में शहीद हुए 700 लोगों के परिवानों को उन्हें मुआवजा देना चाहिए।