संसद के मानसून सत्र में सोमवार को विपक्ष ने केंद्र से सवाल किया था कि क्या सरकार इस बात से अवगत है कि घरों को लौटते हुए कई मजदूरों की रास्ते में मौत हो गई और क्या राज्यवार मृतकों की संख्या उपलब्ध है? इसके जवाब में केंद्र ने कहा कि मृतकों की संख्या को लेकर कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। इस तथ्य को लेकर मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने शायराना अंदाज में केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
राहुल ने ट्वीट कर कहा कि "मोदी सरकार नहीं जानती कि लॉकडाउन में कितने प्रवासी मजदूर मरे और कितनी नौकरियां गयीं। तुमने ना गिना तो क्या मौत ना हुई? हां मगर दुख है सरकार पे असर ना हुई, उनका मरना देखा जमाने ने, एक मोदी सरकार है जिसे खबर ना हुई।मोदी सरकार नहीं जानती कि लॉकडाउन में कितने प्रवासी मज़दूर मरे और कितनी नौकरियाँ गयीं।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 15, 2020
तुमने ना गिना तो क्या मौत ना हुई?
हाँ मगर दुख है सरकार पे असर ना हुई,
उनका मरना देखा ज़माने ने,
एक मोदी सरकार है जिसे ख़बर ना हुई।
बता दें कि कोरोना संकट के बीच सोमवार से संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हो चुकी है, सत्र के पहले दिन केंद्र सरकार का सामना विपक्ष के तीखे सवालों से हुआ। विपक्ष ने लॉकडाउन और कोरोना वायरस को लेकर केंद्र से कई सवाल किए। इन्ही सवालों में से केंद्र से एक सवाल लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की मौत को लेकर किया गया, जिसके जवाब में केंद्र ने कहा कि उनके पास इससे जुड़ा कोई डाटा नहीं।
लोकसभा में सवाल किया गया था कि क्या सरकार इस बात से अवगत है कि घरों को लौटते हुए कई मजदूरों की रास्ते में मौत हो गई और क्या राज्यवार मृतकों की संख्या उपलब्ध है? यह भी पूछा गया कि क्या पीड़ितों को सरकार ने कोई मुआवजा या आर्थिक सहायता दी?
इसके जवाब में कहा कि मृतकों की संख्या को लेकर कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कहा कि चूंकि इस तरह का डेटा नहीं जुटाया गया था इसलिए पीड़ितों या उनके परिवारों को मुआवजे का सवाल नहीं उठता। एक अन्य सवाल प्रवासी श्रमिकों को हुई परेशानी का अनुमान लगाने में सरकार की विफलता को लेकर पूछा गया था। इसके अलावा लिखित सवाल में कोरोना संकट के दौरान सरकार द्वारा उठाए गए अन्य कदमों की जानकारी मांगी गई।