कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के विरोध में शुक्रवार को दिल्ली तथा देश के दूसरे राज्यों के अलग-अलग इलाकों में विभिन्न पेट्रोल पंपों के निकट सांकेतिक प्रदर्शन किया। पार्टी का दावा है कि इस दौरान कोरोना वायरस से संबंधित प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया गया।
GDP crashing,
Unemployment soaring,
Fuel prices skyrocketing.In how many more ways is #BJPLootingIndia ?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 11, 2021
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने केंद्र सरकार पर महामारी के समय पेट्रोल-डीजल पर कर बढ़ाकर जनता के साथ ‘लूट’ का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘जीडीपी गिर रही है। बेरोजगारी बेतहाशा बढ़ रही है। ईंधन की कीमतें आसमान छू रही हैं। आखिर भाजपा कितने तरीके से भारत को लूटेगी?’’
प्रियंका गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया, ‘‘महामारी के दौरान मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर कर वसूले : पूरे 2.74 लाख करोड़ रुपये। इस पैसे से पूरे भारत को टीका (67000 करोड़ रुपये), 718 जिलों में ऑक्सीजन संयंत्र, 29 राज्यों में एम्स की स्थापना और 25 करोड़ गरीबों को छह – छह हजार रूपये की मदद मिल सकती थी। मगर मिला कुछ भी नहीं।’’
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और वरिष्ठ नेता शक्ति सिंह गोहिल घोड़ा-गाड़ी पर सवार होकर फिरोज शाह कोटला स्टेडियम के निकट पेट्रोल पंप पहुंचे। वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाली तत्कालीन संप्रग सरकार के कार्यकाल में पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय कर 9.20 रुपये था, लेकिन नरेद्र मोदी सरकार में इसके बढ़ाकर 32 रुपये कर दिया गया है।
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘सरकार को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी बंद करनी चाहिए। हम मांग करते हैं कि पेट्रोल एवं डीजल की बढ़ी हुई कीमतों को वापस लिया जाए।’’ कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने राजेंद्र नगर और जनपथ में पेट्रोप पंपों के निकट विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। उन्होंने भी विरोध स्वरूप घोड़ा-गाड़ी की सवारी की। कांग्रेस की युवा इकाई भारतीय युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी जनपथ रोड स्थित पेट्रोल पंप पर विरोध प्रदर्शन किया।
इस मौके पर युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने आरोप लगाया, ‘‘महामारी के दौरान भाजपा का लूट चक्र रूकने का नाम नहीं ले रहा है। 4 मई से 9 जून के बीच पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 21 बार बढ़ोतरी हुई है। जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम कम हैं, ऐसे समय में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाना देशवासियों के साथ अवैध वसूली जैसा कृत्य है।’’