दुनियाभर में कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप फैल चुका है। भारत में मलेरिया इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की मांग दुनिया में बढ़ गयी है। कोरोना मरीजों के लिए कारगर माने जा रहे मलेरिया रोधी दवा के निर्यात पर पाबन्दी हटाए जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि भारत को सभी देशों की सहायता करनी चाहिए लेकिन जीवनरक्षक दवाइयां पहले भारतीयों को उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
‘मित्रों’ में प्रतिशोध की भावना? भारत को सभी देशों की सहायता के लिए तैयार रहना चाहिए लेकिन सबसे पहले जान बचाने की सभी दवाइयाँ और उपकरण अपने देश के कोने-कोने तक पहुँचना अनिवार्य है। pic.twitter.com/RMk8lHHsO1
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 7, 2020
राहुल ने ट्वीट कर कहा कि “मित्रों’ में प्रतिशोध की भावना? भारत को सभी देशों की सहायता के लिए तैयार रहना चाहिए लेकिन सबसे पहले जान बचाने की सभी दवाइयां और उपकरण अपने देश के कोने-कोने तक पहुंचना अनिवार्य है।”
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को मलेरिया की ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ दवाई ना देने पर भारत को कड़े परिणाम भुगतने की चेतावनी दी और कहा कि निजी अनुरोध के बाद भी भारत का दवाई ना देना उनके लिए चौंकाने वाला होगा क्योंकि अमेरिका का भारत के साथ अच्छे संबंध हैं। जिसके बाद मोदी सरकार ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर एक बड़ा कदम उठाया है और मलेरिया रोधी दवा की आपूर्ति पर आंशिक तौर पर प्रतिबन्ध हटा दिया है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार कोरोना महामारी के मानवीय पहलुओं के मद्देनजर भारत सभी पड़ोसी देशों के लिए उचित मात्रा में पेरासिटामोल और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का लाइसेंस देगा जो हमारी क्षमताओं पर निर्भर हैं। मंत्रालय ने यह भी कहा कि हम इन आवश्यक दवाओं की आपूर्ति कुछ अन्य देशों को भी करेंगे जो विशेष रूप से महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।