कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कोरोना और चीन मुद्दों पर केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर हैं इस बीच रविवार को उन्होंने पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती की रिहाई की मांग की है। पीडीपी नेता की रिहाई को लेकर राहुल ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जब गलत तरीके से नेताओं को हिरासत में लेते हैं तब लोकतंत्र को नुकसान पहुंचता है।
India’s democracy is damaged when GOI illegally detains political leaders.
It’s high time Mehbooba Mufti is released.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 2, 2020
राहुल ने ट्वीट कर कहा कि “भारत के लोकतंत्र को उस समय ज्यादा नुकसान पहुंचता है जब सरकार गैरकानूनी तरीके से राजनितिक दलों के नेताओं को हिरासत में लेती है। ये सही समय है जब महबूबा मुफ्ती को रिहा किया जाए।
वहीं इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती की हिरासत को बढ़ाया जाना ‘‘कानून का दुरूपयोग’’ और देश के प्रत्येक नागरिक के ‘‘संवैधानिक अधिकारों पर हमला’’ है। साथ ही, उन्होंने महबूबा की फौरन रिहाई की भी मांग की।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘पीएसए के तहत महबूबा मुफ्ती की हिरासत को बढ़ाया जाना कानून का दुरूपयोग और प्रत्येक नागरिक को प्राप्त संवैधानिक अधिकारों पर हमला है। ’’ चिदंबरम ने कहा, ‘‘61 वर्षीय एक पूर्व मुख्यमंत्री , चौबीसों घंटे सुरक्षा गार्ड की पहरेदारी में रहने वाली शख्स, जन सुरक्षा के लिये खतरा कैसे हैं? ’’ पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पीडीपी नेता (महबूबा) ने सशर्त रिहा किये जाने की पेशकश ठुकरा कर सही की क्योंकि कोई भी आत्मसम्मान रखने वाला नेता यही करता।
उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत निरुद्ध पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की हिरासत शुक्रवार को तीन महीने के लिए बढ़ा दी। गृह विभाग के आदेशानुसार मुफ्ती गुपकर रोड पर अपने आधिकारिक आवास फेयरव्यू बंगले में अगले तीन महीने और हिरासत में ही रहेंगी। इस बंगले को उप जेल घोषित किया गया है । पूर्व मुख्यमंत्री की मौजूदा हिरासत की अवधि इस साल पांच अगस्त को खत्म हो रही थी।