कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन गुरुवार को 57वें दिन जारी है। केंद्र सरकार के नये कृषि कानून पर गतिरोध समाप्त नहीं हुआ है। कृषि कानून और किसानों के मुद्दे पर विपक्ष लगातार हमलावर हैं। इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसान संगठनों एवं सरकार के बीच कई दौर की बातचीत के बाद भी गतिरोध बरकरार रहने को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि उसे ‘रोज नए जुमले’ बंद कर ‘कृषि विरोधी कानूनों’ को रद्द करना चाहिए।
रोज़ नए जुमले और ज़ुल्म बंद करो,
सीधे-सीधे कृषि-विरोधी क़ानून रद्द करो! pic.twitter.com/FqiNVIl032— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 21, 2021
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ रोज नए जुमले और ज़ुल्म बंद करो, सीधे-सीधे कृषि-विरोधी क़ानून रद्द करो!’’ उल्लेखनीय है कि हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले करीब दो महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। वे नये कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारी किसानों का आरोप है कि इन कानूनों से मंडी व्यवस्था और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद की प्रणाली समाप्त हो जाएगी और किसानों को बड़े कारपोरेट घरानों की ‘कृपा’ पर रहना पड़ेगा। हालांकि, सरकार इन आशंकाओं को खारिज कर चुकी है।
किसान आंदोलन को समाप्त करने के एक प्रयास के तहत केंद्र सरकार ने बुधवार को आंदोलनकारी किसान संगठनों के समक्ष इन कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने और समाधान का रास्ता निकालने के लिए एक समिति के गठन का प्रस्ताव रखा। किसान नेताओं ने सरकार के इस प्रस्ताव को तत्काल तो स्वीकार नहीं किया लेकिन कहा कि वे आपसी चर्चा के बाद सरकार के समक्ष अपनी राय रखेंगे। अब 11वें दौर की बैठक 22 जनवरी को होगी।