गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई हिंसा के बाद से जहां एक तरफ बॉर्डर पर तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई थी, वहीं अब धीरे धीरे फिर से किसानों में एक नया जोश पैदा हो गया है। कृषि कानून को लेकर 65वें दिन भी आंदोलन जारी है। किसानों के मुद्दे पर विपक्ष केंद्र पर हमलावर है। इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पीएम हमारे किसान-मजदूर पर वार करके भारत को कमजोर कर रहे हैं।
PM हमारे किसान-मज़दूर पर वार करके भारत को कमज़ोर कर रहे हैं।
फ़ायदा सिर्फ़ देश-विरोधी ताक़तों का होगा।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 29, 2021
राहुल ने ट्वीट कर कहा “PM हमारे किसान-मजदूर पर वार करके भारत को कमजोर कर रहे हैं। फायदा सिर्फ देश-विरोधी ताकतों का होगा।” वहीं इससे पहले राहुल गांधी ने किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा को लेकर कई किसान नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज होने और गाजीपुर बॉर्डर पर गतिरोध की पृष्ठभूमि में कहा कि अब एक पक्ष चुनने का समय है और वह किसानों एवं उनके शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ खड़े हैं।
एक साइड चुनने का समय है, मैं लोकतंत्र के साथ : राहुल
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ एक साइड चुनने का समय है। मेरा फ़ैसला साफ़ है। मैं लोकतंत्र के साथ हूं, मैं किसानों और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ हूं।’’ गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर शहर में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में नामजद किसान नेताओं के विरुद्ध बृहस्पतिवार को ‘लुक आउट’ नोटिस जारी किया।
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्या फिर से बढ़ने लगी
इसके साथ ही अपनी जांच तेज करते हुए पुलिस ने लाल किले पर हुई हिंसा के संबंध में राजद्रोह का मामला भी दर्ज किया है। पुलिस ने किसान नेताओं को तीन दिनों का समय देते हुए यह बताने को कहा है कि क्यों नहीं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए क्योंकि उन्होंने परेड के लिए तय शर्तों का पालन नहीं किया। वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुवार शाम तक किसानों की संख्या में कमी देखने को मिली तो शुक्रवार होते ही किसानों की संख्या फिर से बढ़ने लगी है।
राकेश टिकैत की आंखों में आए आंसू ने आंदोलन को दी एक नई धार
गुरुवार शाम भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की आंखों में आए आंसू ने आंदोलन को एक नई धार दे दी है। बॉर्डर पर किसानों में इस बात का आक्रोश है कि हमारे नेता की आंखों में आंसू प्रशासन के कारण आए हैं। उनका कहना है कि भले ही जान चली जाए लेकिन अब ये आंदोलन खत्म नहीं होगा। गुरुवार शाम गाजियाबाद प्रशासन गाजीपुर बॉर्डर पहुंच कर राकेश टिकैत से धरना स्थल खाली करने को कहा, लेकिन बातचीत के दौरान टिकैत को पता लगा कि यहां एक बड़ी साजिश रची जा रही है जिसके बाद उन्होंने मंच से ही प्रशासन पर गम्भीर आरोप लगा दिए।