कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस स्वरूप के कई मामले सामने आने की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को केंद्र सरकार से सवाल किया कि इसकी रोकथाम के लिए बड़े स्तर पर जांच क्यों नहीं हो रही है।
डेल्टा प्लस वेरिएंट पर मोदी सरकार से प्रश्न-
– इसकी जाँच व रोकथाम के लिए बड़े स्तर पर टेस्टिंग क्यों नहीं हो रही?
– वैक्सीन इसपर कितनी प्रभावशाली हैं व पूरी जानकारी कब मिलेगी?
– तीसरी लहर में इसे नियंत्रित करने का क्या प्लान है?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 25, 2021
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ डेल्टा प्लस वेरिएंट पर मोदी सरकार से प्रश्न- इसकी जांच व रोकथाम के लिए बड़े स्तर पर टेस्टिंग क्यों नहीं हो रही है? टीके इस पर कितने प्रभावशाली हैं और पूरी जानकारी कब मिलेगी?’’ कांग्रेस नेता ने यह भी पूछा, ‘‘तीसरी लहर में इसे नियंत्रित करने की क्या योजना है?’’
उल्लेखनीय है कि कई विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस के इस स्वरूप पर चिंता प्रकट करते हुए कहा है कि यह तीसरी लहर का कारण बन सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी पिछले दिनों वायरस के डेल्टा प्लस स्वरूप को चिंताजनक करार दिया था।
बता दें कि कोरोना यह नया वेरिएंट ‘डेल्टा प्लस’ भारत में सबसे पहले सामने आए ‘डेल्टा’ या ‘B.1.617.2’ वेरिएंट में ‘उत्परिवर्तन’ से बना है। भारत में संक्रमण की दूसरी लहर आने की एक वजह ‘डेल्टा’ भी था। कोरोना वायरस का ‘डेल्टा प्लस’ वेरिएंट भारत के अलावा, अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस में मिला है।
भारत के कोविड-19 की दूसरी लहर जितनी तेजी से आगे बढ़ी थी, उसी तरह अब कमजोर हो चुकी है लेकिन डेल्टा प्लस जैसे संक्रामक वेरिएंट के वजूद में आने से शायद यह खत्म नहीं हुई है। कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वेरिएंट, डेल्टा वेरिएंट या बी 1.617.2 में बदलाव से बना है। डेल्टा वेरिएंट की सबसे पहले पहचान भारत में हुई और देश में दूसरी लहर के लिए और ब्रिटेन समेत अन्य जगहों पर संक्रमण के प्रसार में इसकी प्रमुख भूमिका रही है।