संसद ने पिछले सप्ताह तीन कृषि विधेयकों को मंजूरी दी थी और जिसका मकसद कृषि क्षेत्र का उदारीकरण करना और किसानों को बेहतर कीमत के लिए अपनी उपज कहीं भी बेचने की इजाजत देना है। कृषि विधेयक की मंजूरी के बाद विपक्ष के तरफ से लगातार विरोध जारी है। इस बीच मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश के किसानों से बातचीत की है किसानों से की गयी बातचीत को कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है।
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— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 29, 2020
राहुल से बातचीत के दौरान महाराष्ट्र के एक किसान ने कहा कि अंग्रेजों से लड़ाई के लिए महात्मा गांधी ने कई आंदोलन किए, आज महात्मा गांधी जिंदा होते तो कृषि विधेयक का विरोध करते। वही राहुल ने कहा कि तीन कृषि किसान विधेयक और नोटबंदी-जीएसटी में कोई फर्क नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले पैर में कुल्हाड़ी मारी और अब दिल में चोट की।
कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार को ये बात समझ नहीं आएगी क्योंकि ये लोग तो अंग्रेजों के साथ खड़े थे। राहुल ने कृषि कानून का विरोध किया और इसे अंग्रेजों का कानून करार दिया। उन्होने कहा कि नए कृषि कानून से अन्नदाता मजदूर बन जाएंगे। इस दौरान एक किसान ने राहुल से कहा कि भारत में पहले ईस्ट इंडिया कंपनी थी और अब ये कार्पोरेट कंपनी आ जाएगी। वहीं कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम मोदी ने एमएसपी का वादा किया है, जिसपर किसान ने कहा कि वो उनकी बात नहीं मान रहे हैं।