कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश से संबंधित नीट एवं जेईई की परीक्षाएं कोरोना वायरस महामारी के बीच कराने के फैसले का लगातार विरोध कर रहे हैं। इस बीच रविवार को मन की बात में खिलौनों की चर्चा को लेकर राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि जेईई-नीट के छात्र चाहते थे कि पीएम परीक्षा पर चर्चा करें, लेकिन उन्होंने खिलौनों पर चर्चा की।
JEE-NEET aspirants wanted the PM do ‘Pariksha Pe Charcha’ but the PM did ‘Khilone Pe Charcha’.#Mann_Ki_Nahi_Students_Ki_Baat
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 30, 2020
राहुल ने ट्वीट कर कहा कि “JEE-NEET के उम्मीदवार पीएम ‘परीक्षा पर चर्चा’ चर्चा चाहते थे, लेकिन पीएम ने ‘खिलौने पर चर्चा’ की।”
Local खिलौनों को बनाने पर जोर देनी चाहिए : पीएम मोदी
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने आज मन की बात में कहा कि “पीएम मोदी ने कहा कि खिलौने जहां activity को बढ़ाने वाले होते हैं, तो खिलौने हमारी आकांक्षाओं को भी उड़ान देते हैं। खिलौने केवल मन ही नहीं बहलाते, खिलौने मन बनाते भी हैं और मकसद गढ़ने वाले भी होते हैं।”
उन्होंने कहा कि हमारे देश में Local खिलौनों की बहुत समृद्ध परंपरा रही है। कई प्रतिभाशाली और कुशल कारीगर हैं, जो अच्छे खिलौने बनाने में महारत रखते हैं। भारत के कुछ क्षेत्र Toy Clusters यानी खिलौनों के केन्द्र के रूप में भी विकसित हो रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि Global toy industry, 7 लाख करोड़ से भी अधिक की है। 7 लाख करोड़ रुपयों का इतना बड़ा कारोबार, लेकिन भारत का हिस्सा उसमें बहुत कम है। जिस राष्ट्र के पास इतने विरासत हो, परम्परा हो, क्या खिलौनों के बाजार में उसकी हिस्सेदारी इतनी कम होनी चाहिए?
पीएम मोदी ने कहा कि “खिलौनों के साथ हम दो चीजें कर सकते हैं – अपने गौरवशाली अतीत को अपने जीवन में फिर से उतार सकते हैं और अपने स्वर्णिम भविष्य को भी संवार सकते हैं।” उन्होंने कहा कि भारतीयों के innovation और solution देने की क्षमता का लोहा हर कोई मानता है और जब समर्पण भाव हो, संवेदना हो तो ये शक्ति असीम बन जाती है। इससे पहले राहुल ने कहा था कि सरकार को सभी पक्षों से बातचीत कर सहमति बनाते हुए कोई समाधान निकालना चाहिए।
नीट-जेईई की परीक्षाओं के मुद्दे पर सहमति बनाकर समाधान निकाले सरकार
उन्होंने सरकार पर कोरोना वायरस संकट से निपटने में अक्षम रहने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार को अपना फैसला थोपना नहीं चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं नहीं समझता कि लोगों को आगे और तकलीफ क्यों दी जाए? मैं नहीं समझता कि आपने क्या गलत किया है? स्पष्ट तौर पर देख सकता हूं कि सरकार अक्षम रही है। सरकार को क्यों आप पर कुछ थोपना चाहिए? सरकार को आपको सुनना चाहिए।’’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘कोई भी निर्णय सभी से बातचीत के बाद लिया जाना चाहिए। सरकार को सहमति बनानी चाहिए।’’ राहुल गांधी ने कहा, ‘‘भारत सरकार से मेरा कहना है कि आप पहले ही पर्याप्त तबाही कर चुके हैं। आपने छात्रों को आहत किया है। आप देश के छात्रों को सुनिए और फिर शांतिपूर्वक समाधान निकालिए।’’