वायनाड (केरल) : कांग्रेस नेता राहुल गांघी ने बाढ़ की तबाही झेल रहे अपने लोकसभा क्षेत्र वायनाड में लोगों के जीवन और जीवनयापन के साधनों के संरक्षण के लिए मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे हस्तक्षेप की मांग की।
अपने पत्र में वायनाड सांसद ने पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील इस पर्वतीय जिले के बाढ़ संभावित क्षेत्र में रह रहे लोगों को आगाह करने के लिए पूर्व चेतावनी प्रणाली लगवाने का सुझाव दिया ताकि कई लोगों के जीवन को बचाया जा सके।
सोमवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का अपना दो दिवसीय दौरा पूरा करने के बाद गांधी ने वायनाड में लोगों एवं पर्यावरण के समक्ष आ रहे मुद्दों के बारे में विस्तार से बताया और प्रधानमंत्री के विचार के लिए उपायों का सुझाव दिया।
गांधी ने लिखा, ‘‘वायनाड में लोगों का जीवन एवं जीवनयापन के साधन तथा पर्यावरण की रक्षा के लिए एक दीर्घकालिक रणनीति एवं एक कार्ययोजना बनाकर विशेष पैकेज के जरिये उसे सहयोग दिया जाए और इस काम को प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘संवेदनशील इलाकों में रहने वाली आबादी को सतर्क करने के लिए पूर्व चेतावनी प्रणाली को लगाकर तथा ऐसे स्थलों पर संचार सुविधा वाले भूस्खलन:बाढ़ शरणस्थल मुहैया करा कर कई लोगों के जीवन को बचाया जा सकता है।’’
उनहोंने कहा, ‘‘पश्चिमी घाट पर खनन एवं पत्थर तोड़ने का काम जारी है। वनों की कटाई से इस क्षेत्र एवं वन क्षेत्र की सीमा पर रहने वाले जानवरों एवं लोगों के बीच संघर्ष तेजी से बढ़ रहा है। ’’
गांधी ने कहा कि वायनाड पश्चिमी घाट का सबसे संवेदनशील हिस्सा है तथा यहां देश की जैवविविधता का दस प्रतिशत हिस्सा है।