नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल सौदे में प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी के सीधे तौर पर शामिल होने का आरोप लगाया और कहा कि इस घोटाले में सरकार उन्हें बचा रही है इसलिए पूरे प्रकरण की आपराधिक जांच होनी चाहिए। गांधी ने गुरुवार को यहां कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राफेल में बड़ घोटाला हुआ है और मोदी ने रक्षा सौदे से जुड़ सभी प्रक्रियाओं की‘‘बाईपास सर्जरी कर‘’इस सौदे का अंजाम दिया और उद्योगपति अनिल अम्बानी को 30 हजार करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया।
उन्होंने कहा,‘‘अब इस सौदे की सारी फाइलें गायब हो रही हैं। इन फाइलों में प्रधानमंत्री का नाम है। सरकार‘चौकीदार’को बचाने का काम कर रही है। गायब फाइलों में लिखा है प्रधानमंत्री कार्यालय ने राफेल सौदे में हस्तक्षेप किया था। इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।’’ गांधी ने राफेल से जुड़ फाइलों के गायब होने पर चुटकी लेते हुए कहा कि मोदी सरकार में सब कुछ गायब हो रहा है। दो करोड़ युवाओं का रोजगार गायब हुआ, किसानों को सही दाम देने का वादा गायब हुआ, किसानों के बीमे का पैसा गायब हुआ, नोटबंदी में कारोबार गायब हुआ और अब राफेल की फाइलें गायब हो गयी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने जो भ्रष्टाचार किया है उससे जुड़ सारे दस्तावेज गायब करवाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कानूनी तौर पर सरकार जिसे चाहे सजा दे लेकिन राफेल को लेकर दोषी को सजा जरूर मिलनी चाहिए। सरकार तथा न्यायालय का काम सबको न्याय देना है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय की फाइलों में स्पष्ट लिखा है कि राफेल विमान सौदे में गड़बड़ी हुई है। प्रधानमंत्री कार्यालय का इसमें सीधा दखल रहा है। उनका कहना था कि इस घोटाले में श्री मोदी सीधे तौर पर जुड़ हुए हैं और अब मामले की जांच होनी चाहिए।
गांधी ने कहा यदि राफेल सौदे में भ्रष्टाचार नहीं किया गया है तो सरकार ने इस मामले की संसद की संयुक्त समिति(जेपीसी) से इसकी जांच कराने की मांग क्यों ठुकराई है। सरकार जांच से बच रही है और इससे साफ होता है कि मामले में बड़ घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि राफेल सौदे में देरी की वजह श्री मोदी हैं। उन्होंने अनिल अम्बानी को फायदा पहुंचाने के लिए इसमें देरी की है। फ्रांस के राष्ट्रपति ने स्पष्ट कहा है कि मोदी सरकार ने अनिल अम्बानी को ऑफसेट सौदा देने के लिए कहा था।