नई दिल्ली : देश के कई राज्यों में कैस की किल्लत कमी खत्म करने के लिए कई ओर से ताकत लगाई जा रही है। एक ओर भारतीय रिजर्व बैंक नकदी की सप्लाई कर रही है तो वहीं दूसरी ओर आयकर विभाग नकदी की जमाखोरी करने वाले लोगों के यहां छापेमारी कर रहा है। ताजा घटनाक्रम में आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में 30-35 जगह छापेमारी की गई है। बिहार में एटीएम के जरिए 800-900 करोड़ रुपए डाले गए हैं। बता दें कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में दिक्कत ज्यादा है। जहां बड़े ठेकेदार आयकर विभाग के जांच के दायरे में हैं।
बता दें कि आन्ध्र प्रदेश और तेलंगाना में सबसे ज्यादा कैश की समस्या है। कर विभाग की छापेमारी में कोई बहुत बड़ी रकम जब्त करने में तो सफलता नहीं मिली है, लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में विभाग इस तरह के और कदम उठा सकता है।
बताया जा रहा है देश के अधिकांश हिस्सों में से दो-दो हजार के नोट लगभग गायब हो गए हैं। अब कर विभाग का पूरा ध्यान उन लोगों और कंपनियों पर है, जिन्होंने हाल ही में बड़ी मात्रा में कैश निकाला है। एटीएम ऑपरेशन से जुड़ी कंपनियों का कहना है कि फिलहाल उनका ध्यान 200 और 500 के नोटों की संख्या बढ़ाने पर है।
ये भा बात गौर करने लायक है कि भले ही अभी 200 के नोटों की छपाई भी हो जाए तो भी अभी वो लोगों तक पर्याप्त रूप में नहीं पहुंच पाएंगे क्योंकि अभी तक ज्यादातर एटीएम मशीनों में 200 के नोटों के लिए सेटअप नहीं है।
चुनावी राज्यों में ज्यादा किल्लत
उल्लेखनीय है कि नकदी संकट का सबसे ज्यादा असर उन राज्यों में देखने को मिल रहा है, जहां बहुत जल्द चुनाव होने हैं। इनमें कर्नाटक, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्य खासतौर पर शामिल हैं। दक्षिण भारत के राज्यों में किए गए शुरुआती विश्लेषण के मुताबिक, बड़ी कंपनियां अपने प्रोजेक्ट्स से जुड़े लेनदेन चैक के जरिए कर रही हैं, जिसके चलते बैंकों से नकद निकासी बढ़ गई है।
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