लखीमपुर हिंसा के विरोध में प्रदर्शनकारियों का 'रेल रोको' आंदोलन जारी, प्रशासन अलर्ट - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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लखीमपुर हिंसा के विरोध में प्रदर्शनकारियों का ‘रेल रोको’ आंदोलन जारी, प्रशासन अलर्ट

कृषि कानूनों के विरोध में सोमवार को भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने रेलवे ट्रैक बाधित करने का एलान किया है। तीनों कृषि कानूनों के विरोध में इस प्रदर्शन में प्रदेश के 14 जिलों में खास सतर्कता बरती जा रही है।

कृषि कानूनों के विरोध में सोमवार को भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने रेलवे ट्रैक बाधित करने का एलान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के छह घंटे के राष्ट्रव्यापी ‘रेल रोको’ विरोध-प्रदर्शन के आह्वान पर , पंजाब और हरियाणा में सोमवार को किसानों द्वारा रेल पटरियों को अवरुद्ध कर दिया गया, जिससे रेल सेवाएं प्रभावित हुईं हैं।
सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक छह घंटे के राष्ट्रव्यापी ‘रेल रोको’ विरोध की घोषणा
तीनों कृषि कानूनों के विरोध में इस प्रदर्शन में प्रदेश के 14 जिलों में खास सतर्कता बरती जा रही है। अमृतसर में किसान रेलवे ट्रैक पर बैठ चुके हैं। इस बीच किसानों का रेल रोको आंदोलन जारी है। वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि उनकी मांग है कि सरकार गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करे। एसकेएम ने सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक छह घंटे के राष्ट्रव्यापी ‘रेल रोको’ विरोध की घोषणा की थी।
राष्ट्रव्यापी हड़ताल के कारण रेल नहीं चलने से सैकड़ों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा
किसानों के विरोध को देखते हुए कानून और अन्य व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरियाणा और पंजाब में विभिन्न स्थानों पर भारी पुलिस बल की मौजूदगी देखी गई। राष्ट्रव्यापी हड़ताल के कारण रेल नहीं चलने से सैकड़ों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। ट्रेनों के फंसे होने के कारण यात्री विभिन्न कस्बों और शहरों के रेलवे स्टेशनों पर फंसे है। लोगों को अन्य सार्वजनिक परिवहन में यात्रा करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
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रेल रोको आंदोलन की घोषणा को देखते हुए प्रदेश में अलर्ट जारी
पुलिस के वरिष्ठ अफसर इन जिलों में पहले से कैम्प लगाए हुए हैं। पुलिस व पीएसी के साथ ही जीआरपी और आरपीएफ को भी सुरक्षा प्रबंधों में तैनात किया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से सोमवार को रेल रोको आंदोलन की घोषणा को देखते हुए प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
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मांग पूरी ना होने के विरोध में कार्यकर्ताओं ने कई जगह पुतला दहन भी किया था
कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले 10 महीनों से धरना दे रहे हैं। हाल ही में लखीमपुर खीरी की घटना के बाद केंद्रीय राज्य मंत्री का इस्तीफा और गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। मांग पूरी ना होने के विरोध में कार्यकर्ताओं ने कई जगह पुतला दहन भी किया था। अब इस मामले में रेल रोकने का एलान कर दिया गया है। जिले में दो स्थानों पर ट्रैक पर कब्जे का निर्णय लिया गया है।
किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से बातचीत कर शांति व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए गए
मोर्चा ने कहा, “रेल-पटरियों पर धरना देकर ट्रेनें रोकने का ऐलान किया है। प्रदेश के एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि जिलों के अफसरों को किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से बातचीत कर शांति व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। आंदोलन में अराजकतत्वों के घुसने की आशंका को देखते हुए संवेदनशील जिलों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती भी की गई है।”
गृह विभाग ने पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती करते हुए सेक्टर व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए
इससे पहले शासन के गृह विभाग ने पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती करते हुए सेक्टर व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए थे। साथ ही प्रदेश के 14 संवेदनशील जिलों में 20 वरिष्ठ पुलिस अफसरों की तैनाती की गई है। इनमें लखीमपुर खीरी, बरेली, मेरठ, बहराइच, गाजियाबाद, शामली, पीलीभीत, मुजफ्फरनगर, अमरोहा, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर व बागपत शामिल है। लखीमपुर खीरी जिले में डीआईजी उपेन्द्र अग्रवाल समेत 10 राजपत्रित पुलिस अधिकारी तीन अक्तूबर से ही वहां तैनात हैं।
कहीं भी भीड़ इकट्ठा न हो और जो भी संवेदनशील स्थान हैं
गृह विभाग ने लेखपाल व कांस्टेबल से लेकर डीएम व एसपी तक को किसानों से संवाद स्थापित करने का निर्देश दिया है। स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि कहीं भी भीड़ इकट्ठा न हो और जो भी संवेदनशील स्थान हैं, वहां पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किया जाए। जिन जिलों से लगे अन्य प्रदेश के बार्डर हैं, वहां निकटवर्ती जिले के डीएम व एसपी से वार्ता कर कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।

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