रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के महानिदेशक अरुण कुमार ने बुधवार को बताया कि रेलवे की सुरक्षा के लिए गठित कमांडोज फॉर रेलवे सेफ्टी (कोरस) की पहली तैनाती नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में होगी।
उन्होंने बताया कि कोरस कमांडों के प्रशिक्षण के लिए हरियाणा के जगाधरी शहर में एक अत्याधुनिक केंद्र बनाया जाएगा।
कमांडोज फॉर रेलवे सेफ्टी (कोरस) की शुरुआत के मौके पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि उन्होंने संस्थान स्थापित करने की मंजूरी दे दी है और आरपीएफ को उन्होंने निर्देश दिया है कि वह कमांडो को अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण देंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ विध्वंसकारी ताकतों के खतरों को ध्यान में रखते हुए रेलवे सुरक्षा बल में कोरस तैयार करना नियोजित था। कोरस टीम को सर्वश्रेष्ठ, अत्याधुनिक उपकरण और विश्वस्तरीय प्रशिक्षण दिया जाएगा।’’ उन्होंने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रत्येक स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन सभी कैमरों के लिंक स्थानीय स्टेशनों, जीआरपी, आरपीएफ, संभाग कार्यालय और मंत्री के कार्यालय को दिए जाएंगे।
आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार ने कहा, ‘‘ कोरस की पहली तैनाती नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में होगी। इन्हें ऐसे क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा जहां रेलवे की बड़ी परियोजनाएं चल रही हैं। इन जगहों में पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं।’’
कुमार ने कहा कि महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार में नक्सल और वामपंथी चरमपंथी और पूर्वोत्तर राज्यों असम, मणिपुर, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश तथा जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की चुनौती से कोरस निपटेगा।
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और रेलवे सुरक्षा विशेष बल (आरपीएसएफ) के जवानों से बने कोरस के प्रमुख आरपीएफ के महानिदेशक हैं। ये जवान बुलेट प्रूफ जैकेट के साथ विशेष वर्दी, हेलमेट और अत्याधुनिक हथियारों से लैस होंगे।
कुमार ने कहा कि आरपीएसएफ की 14 बटालियन हैं और इसकी एक बटालियन को कोरस में बदला गया है ।