रेलवे ने दिल्ली के नौ स्टेशनों पर 503 कोच कोरोना वायरस संक्रमितों के पृथक-वास के लिए लगाए हैं। अधिकारीयों ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के उपायों के तहत यह घोषणा की थी। कोविड-19 के मरीजों के लिए चिकित्सा देखभाल सुविधाएं बढ़ाने के लिए अब तक पांच राज्यों में ऐसे 960 पृथक-वास कोच लगाए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन के सात प्लेटफॉर्म पर ऐसे 267 कोच लगाए गए हैं। शकूर बस्ती, सराय रोहिल्ला सहित अन्य में 50-50 कोच लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि रेलवे ने दिल्ली कैंट में 33 पृथक-वास कोच लगाए हैं, 30 कोच आदर्श नगर में, 21 कोच सफदरजंग में, 13-13 कोच तुगलकाबाद तथा शाहदरा स्टेशन पर और 26 पटेल नगर में लगाए गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय एवं नीति आयोग की एकीकृत कोविड-19 योजना के मुताबिक इन कोच का इस्तेमाल उन इलाकों में किया जा सकता है जहां राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं की किल्लत है और पुष्ट तथा संदिग्ध मरीजों के पृथक-वास के लिए क्षमताओं में इजाफे की आवश्यकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के मुताबिक इन कोचों का इस्तेमाल कम गंभीर मामलों के लिए किया जाएगा।
कोविड-19 के मामलों और संक्रमण के कारण मरने वालों की संख्या, दोनों में महाराष्ट्र के बाद दिल्ली दूसरे नंबर पर है। यहां संक्रमण के 44,688 मामले हैं तथा 1,837 संक्रमितों की मौत हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि देश भर में अब तक 960 पृथक-वास कोच लगाए गए जिनमें से 503 दिल्ली में, उत्तर प्रदेश में 372, तेलंगाना में 60, आंध्र प्रदेश में 20 और मध्य प्रदेश में पांच लगाए गए हैं।
तेलंगाना के सिकंदराबाद, काचेगौड़ा और आदिलाबाद तथा आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में ऐसे 20-20 कोच लगाए गए हैं। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पांच कोच लगाए गए हैं। अधिकारियों की ओर से दिए गए डेटा के मुताबिक उत्तर प्रदेश ने 243 कोच की मांग की थी, उसे 372 कोच दिए गए। झांसी स्टेशन की रेलवे कार्यशाला में 52 कोच दिए गए, लखनऊ को 37 कोच, मऊ और भटनी को 24-24 कोच, कानपुर को 22 कोच, आगरा को 20 कोच तथा झांसी को 15 कोच दिए गए हैं।
ये कोच ऑक्सीजन सिलेंडर, कंबल, चिकित्सा सामग्री, संक्रमणमुक्त की गई बर्थ समेत आवश्यक चिकित्सा उपकरणों से लैस हैं। रेल मंत्रालय के मुताबिक इनमें मच्छरदानियां, लैपटॉप तथा फोन के लिए चार्जिंग प्वाइंट होंगे। शौचालयों को बाथरूम में बदला गया है। अधिकारियों ने बताया कि इन कोचों को पृथक-वास में बदलने के लिए प्रत्येक कोच पर दो लाख रूपये का खर्च आया है। ये एयर कंडिशन रहित कोच हैं इसलिए इनका तापमान कम रखने की भी व्यवस्था की गई है।