गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत रेलवे ने शहरों से गांव लौटे प्रवासी श्रमिकों को 6.4 मानव दिवस के बराबर रोजगार उपलब्ध कराया है। कोविड 19 महामारी के कारण गांव लौटे श्रमिकों को वहीं आजीविका उपलब्ध कराने के लिए इस अभियान की शुरुआत की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद, मोदी ने 20 जून को बिहार से इसका शुभारंभ किया था।
रेलवे ने आज बताया कि उसने बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में श्रमिकों को अब तक 6.4 लाख मानव दिवस के बराबर काम उपलब्ध कराया है। इस मद में कॉन्ट्रैक्टरों को 21 अगस्त तक 1,410.35 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है।
सरकार इन छह राज्यों के 116 चिह्नित जिलों में विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों को काम दे रही है। रेलवे की 165 परियोजनाओं में इस अभियान के तहत रोजगार दिया जा रहा है। कुल मिलाकर ये परियोजनाएं 2,988 करोड़ रुपये की हैं।
रेलवे ने बताया कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान में रेलवे स्टेशनों और रेलवे क्रॉसिंग को जाने वाली सड़कों का निर्माण एवं मरम्मत, रेलवे पटरियों के किनारे नालियों का निर्माण एवं मरम्मत और रेलवे की जमीन पर वृक्षारोपण जैसे काम कराये जा रहे हैं। रेल मंत्री पीयूष गोयल स्वयं अभियान में रेलवे के योगदान की नियमित समीक्षा कर रहे हैं।