भारतीय रेलवे अपने प्रचार अभियान के लिए जल्द ही अपने हरेक जोन में निजी जनसंपर्क पेशेवर नियुक्त करने जा रहा है। निजी जनसंपर्क पेशेवरों की टीम जल्द ही रेल मंत्रालय और इसके प्रत्येक जोन में रेलवे के प्रचार अभियान की जिम्मेदारी संभाल लेगी। रेलवे ने अपने प्रचार प्रबंधन के लिए इस तरह की निजी एजेंसियों की सेवाएं लेने के लिए पहली बार दिशा-निर्देश जारी किया है।
सूत्रों ने कहा कि वर्तमान में, रेलवे के बारे में मीडिया को जानकारी प्रसारित करने और अपने सोशल मीडिया हैंडल चलाने के लिए कई वरिष्ठ पीआरओ और जनसंपर्क निरीक्षकों के साथ-साथ 18 क्षेत्रों में से प्रत्येक में एक मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) समेत लगभग 70 अधिकारी कार्यरत हैं। अब, 17 निजी जनसंपर्क पेशेवरों की टीम को उनकी सहायता के लिए प्रत्येक जोन के लिए काम पर रखा जाएगा।
रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमारे पास पहले से ही हमारे साथ काम करने वाली निजी एजेंसियां हैं, जो हमारे प्रचार कार्य में हमारी मदद करती हैं। यह कोई नई बात नहीं है। हमने अभी जो प्रक्रिया शुरू की है, हमने इस प्रक्रिया को मानकीकृत करने की कोशिश की है।” दिशा-निर्देशों के अनुसार, 17 प्रशिक्षित पेशेवरों की टीम प्रत्येक जोन में नियुक्त की जाएगी, जिसमें एक टीम लीडर, एक सोशल मीडिया मैनेजर, कंटेंट एनालिस्ट, कंटेंट राइटर, वीडियो एडिटर और अन्य शामिल होंगे।
सूत्रों ने कहा कि इनमें से प्रत्येक टीम की सेवा लेने की लागत लगभग 2 करोड़ रुपये आएगी। सूत्रों ने कहा कि ये टीमें फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए रणनीति तैयार करेंगी। वे मुद्दों, विषयों और सोशल मीडिया की प्रभावी चीजों की पहचान करेंगी।