रोडवेज और सस्ती एयरलाइंस से मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहे रेलवे ने अब शताब्दी एक्सप्रेस, तेजस एक्सप्रेस और गतिमान एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों के किराये में 25 फीसद तक रियायत देने की तैयारी की है जिससे इनमें टिकटों की बिक्री बढ़ सके। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि यह रियायत वातानुकूलित कुर्सी यान, एक्जीक्यूटिव कुर्सी यान सीटों के आधार पर किराये में दी जाएगी तथा जीएसटी, आरक्षण शुल्क, सुपरफास्ट शुल्क और अन्य अलग से लगाए जाएंगे।
अधिकारी ने कहा, “जिन ट्रेनों में पिछले साल मासिक 50 फीसद से कम टिकट बिकीं उनमें रियायत दी जाएगी।”
रेल मंत्रालय ने मंडलों के प्रधान वाणिज्यिक प्रबंधकों को तय रेलगाड़ियों में रियायती किराया योजना शुरू करने के लिये अधिकार देने का फैसला किया है। हालांकि उसने कुछ दिशानिर्देश तय किये हैं।
अधिकारी ने बताया, मंत्रालय ने कहा है कि रियायती मूल्य तय करते वक्त प्रतिस्पर्धात्मक किराया एक पैमाना होना चाहिए और यात्रा के सभी हिस्सों के लिये रियायत की पेशकश की जाएगी चाहे वह यात्रा का पहला चरण हो, मध्य चरण या आखिरी हिस्सा।
मंत्रालय ने कहा कि रियायत की पेशकश वार्षिक, अर्धवार्षिक, मासिक या सप्ताहांत के आधार पर की जा सकती है। जब ये योजना लागू रहेगी तब शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों में श्रेणीवार रियायत या फ्लेक्सी फेयर योजना लागू नहीं रहेगी।