अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पंचम) विनोद कुमार की अदालत ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर पति राजेश गुलाटी को दोषी करार दिया है। बता दे की पत्नी की हत्या के बाद बॉडी के 72 टुकड़े कर डीप फ्रीजर में रखने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी को उत्तराखंड कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके पहले गुरुवार को कोर्ट ने उसे दोषी करार दिया। इसके साथ ही हत्या की धारा 302 में आजीवन कारावास, 10 लाख जुर्माना और साक्ष्य मिटाने की धारा 201 में 3 साल की सजा और 5 लाख रुपए जुर्माना लगाया। इसमें 14 लाख 30 हजार उसके बच्चों को मिलेगा और 70 हजार राजकीय कोष में जमा होंगें। यह मामला देश में काफी चर्चित रहा था।
इस मामले की सुनवाई देहरादून की अपर जिला जज पंचम की अदालत में 18 अगस्त को अंतिम बहस के साथ पूरी हो गई थी। गुरुवार को राजेश गुलाटी को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 201 (सबूत मिटाना) के तहत दोषी करार दिया गया है। गुलाटी की सजा का ऐलान शुक्रवार को किया जाएगा। अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान मृतक के दो नाबालिग बच्चों की गवाही को अमान्य कर दिया। इस दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से पेश और अपने बयान से पलटे दो गवाहों के बयान को अदालत ने अपने फैसले का आधार बनाया।
बात दे की आज से 7 साल पहले पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी ने पत्नी अनुपमा गुलाटी की हत्या कर दी थी। हत्या करने के बाद 2 महीने तक शव के साथ रहा उसने शव के 72 टुकड़े किए। तथा श्ाव के कुछ हिस्से डीप फ्रीज में रखे थे। कुछ-कुछ जंगल में फेंक दिया। मृतक महिला के भाई ने जब उसकी तलाश शुरु की तो मामले का खुलासा हुआ था।
राजेश ने अनुपमा से 10 फरवरी 1999 को लव मैरेज की थी। दोनों के बीच 1992 से अफेयर चल रहा था। शादी के एक साल बाद राजेश, अनुपमा को लेकर यूएस चला गया। वहां जून 2006 में उन्हें जुड़वा बच्चे सिद्धार्थ और सोनाक्षी हुए। वर्ष 2008 में दोनों दिल्ली आ गए। इसके बाद राजेश परिवार समेत देहरादून आ गया था।