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राजकोट के सरकारी अस्पताल पिछले एक महीने में 134 और कोटा में अब तक 110 बच्चों की हुई मौत

राजस्थान में कोटा के जे.के.लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है अस्पताल में मरने वाले नवजात बच्चों की संख्या अब बढ़कर 110 हो गई है।

राजस्थान में कोटा के जे.के.लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।अस्पताल में मरने वाले नवजात बच्चों की संख्या अब बढ़कर 110 हो गई है। वहीं राज्य सरकार द्वारा बनाए गए पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बच्चों की मौत की वजह हाइपोथर्मिया (शरीर का तापमान असंतुलित हो जाना) के चलते हुई है।अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं की कमी भी इसकी वजह हो सकती है।

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बच्चों की लगातार हो रही मौत की जांच करने के लिए कल केंद्र से उच्च स्तरीय टीम अस्पताल गई थी। सूत्रों के अनुसार, टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ज्यादातर बच्चों की मौत हायपोथेरमिया से हुई। रिपोर्ट के मुताबिक अस्पताल में 77 फीसदी वॉर्मर काम नहीं कर रहे थे। जबकि आधे से ज़्यादा वेनटिलेटर भी काम नहीं कर रहे थे। 
राजकोट में बच्चों की मौत का कहर
गुजरात के राजकोट के एक सरकारी अस्पताल में पिछले एक महीने में 134 बच्चों की मौत हुई है। बच्चों की मौत की वजह कुपोषण, जन्म से ही बीमारी, वक्त से पहले जन्म, मां का खुद कुपोषित होना बताया जा रहा है।अस्पताल के एनआईसीयू में ढाई किलो से कम वजन वाले बच्चों को बचाने की व्यवस्थाएं और क्षमता ही नहीं है।
बता दे कि राज्य के डिप्टी सीएम सचिन पायलट शनिवार को कोटा अस्पताल दौरा किया और संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा कि अब जिम्मेदारी तय करनी पड़ेगी। सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले क्या हुआ इस पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज हम लोगों को जवाबदेही तय करनी पड़ेगी क्योंकि जब इतने कम समय में इतने सारे बच्चे मरे हैं तो कोई ना कोई कारण रहे होंगे। 

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