रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा कूटनीति के क्षितिज में विस्तार करने के लिए 10 नयी रक्षा इकाइयों का गठन करने की घोषणा की है।
श्री सिंह ने रक्षा सहचारी सम्मेलन को संबोधित करते हुए सोमवार को यहां कहा, ‘‘भारत जैसा विशाल देश कुछ देशों के लिए अपने रक्षा सहयोग को सीमित नहीं कर सकता है। इस क्षेत्र में लगातार विस्तार करने के प्रयास किए जाने चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दस नयी रक्षा इकाइयों को गठन किया जाएगा, ताकि 10 से अधिक रक्षा सहचारियों की नियुक्ति की जा सके।
इससे भारत की रक्षा कूटनीति और मजबूत होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने संबंधित देशों में रक्षा सहचारियों के माध्यम से रक्षा निर्यात को बढ़वा देने के लिए एक नई योजना शुरुआत की है। इस योजना के तहत 34 देशों में रक्षा निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए धन आवंटित किया गया है।
रक्षा मंत्री ने उम्मीद जतायी कि रक्षा निर्यात को बढ़वा देने के लिए सहचारी इस राशि का सही तरीके से इस्तेमाल करेंगे।
उन्होंने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित होने वाली रक्षा प्रदर्शनी 2020 का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में दो औद्योगिक गलियारें, एक तमिलनाडु और दूसरा उत्तर प्रदेश में स्थापित किये गये हैं। उन्होंने उम्मीद जतायी कि इन गलियारों से विनिर्माण तथा निर्यात को बढ़वा मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘रक्षा सहचारियों के पास काम करने और इन गलियारों में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए व्यापक अवसर हैं।भारत ने अपने सहयोगी देशों को भारतीय रक्षा निर्यात की अनुमति देने और वैश्विक बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ने के लिए कई डिफेंस लाइन ऑफ क्रेडिट््स की अनुमति दी है।’’ उन्होंने कहा कि रक्षा से जुड़ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयूएस) ने वियतनाम, सिंगापुर, म्यांमार और ओमान जैसे देशों में अपने संपर्क अधिकारियों के लिए कार्यालय खोले हैं।
इस मौके पर रक्षा सचिव अजय कुमार, सेना प्रमुख एम.एम। नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर। के। एस भदौरिया तथा विभिन्न देशों के रक्षा सहचारी मौजूद थे।