भारत और चीन के बीच एक तरफ सीमा विवाद चल रहा है तो दूसरी तरफ भारत सीमा पर जारी सड़क निर्माण और अन्य निर्माण को लेकर पूरी तरह जागरूक है। इसी कड़ी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज साउथ ब्लॉक में एक बैठक में सीमा सड़क विकास बोर्ड (बीआरडीबी) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सीमा पर चल रही परियोजनाओं की समीक्षा की।
रक्षा मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने रक्षा मंत्री को आश्वासन दिया कि बीआरओ एलएसी और एलओसी पर चल रही परियोजनाओं को समय पर पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। उन्होंने बताया कि सभी मंत्रालय शामिल हैं। रक्षा, गृह और परिवहन सभी परियोजनाओं के लिए घनिष्ठ समन्वय में काम कर रहे हैं।
इसके अलावा हरपाल सिंह ने रक्षा मंत्री को चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा और पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर चल रही सड़क निर्माण परियोजनाओं की जानकारी दी। बता दें कि यह बैठक एक घंटे से अधिक समय तक चली।
गौरतलब है कि सरकार ने जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में 2020-21 के दौरान सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा राजमार्गों के निर्माण के लिए अतिरिक्त 1,691 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इसमें से 1,351.10 करोड़ रुपये जम्मू-कश्मीर में सड़क कार्यों के लिए बीआरओ को दिए हैं।
उत्तराखंड में सड़क निर्माण के लिए सरकार ने 340 करोड़ रुपये की दी मंजूरी
उत्तराखंड में राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए कुल 340 करोड़ रुपये को मंजूरी दी गई। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, सिक्किम और तमिलनाडु में राज्य लोक निर्माण विभाग द्वारा राजमार्ग कार्यों के लिए 71 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मंजूरी दी गई है। इस संवाद में कहा गया है कि आदिवासी उप-योजना (टीएसपी) के तहत नगालैंड के लिए मंजूरी की सीमा को 1,081 करोड़ से बढ़ाकर 1,955 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
केंद्र की इस योजना के तहत कई सड़कों का काम शुरू हो चुका है। इस योजना का मकसद अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्रों में सुरक्षा बलों और स्थानीय लोगों की आवाजाही को आसान बनाना है। उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में बन रही सड़कों से पर्यटन को भी फायदा पहुंचने की उम्मीद है। उत्तराखंड की चीन और नेपाल के साथ 620 किलोमीटर लंबी अन्तर्राष्ट्रीय सीमा है।