लद्दाख में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा निर्मित 63 बुनियादी परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि “जिन सड़कों का निर्माण BRO कर रहे हैं वह देश की विकास की गति को बढ़ाने वाले हैं। आज 63 पुल और सड़कों का लोकापर्ण हुआ। ये BRO कर्मियों की सूझबूझ से हुआ है।”
इसके बाद कारू मिलिट्री सेंटर में एक सभा को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि “जिन भी जवानों ने भारत की सीमा की सुरक्षा करते हुए शहादत दी है, देश उनकी शहादत को कभी भूल नहीं सकता… हमको अगर किसी ने आंख दिखाने की कोशिश की है तो उसको मुंह तोड़ जवाब भी हमने दिया है।”
उन्होंने कहा कि मैं सबसे पहले उन सभी जवानों की स्मृतियों को नमन करता हूं। जिन्होने जून 2020 में ‘गलवान घाटी’ में देश के लिए अपने प्राणो का बलिदान दिया। मै यह भी कहना चाहता हूं कि यह देश उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि 14th Corp के 3rd division की स्थापना 1962 में भारत-चीन युद्ध के दरमियान हुई थी। अपने स्थापना के कुछ वर्षों में ही 1965 की भारत-पाकिस्तान युद्ध में आपने निर्णायक भूमिका निभाई। कारगिल युद्ध में भी आपके वीरता के कहानियों ने देशवासियों का सिर ऊंचा किया।
उन्होंने कहा कि आपकी वीरतापूर्ण कारनामों की वजह से ही आपको ‘त्रिशूल’ डिविजन के नाम से अलंकित किया गया है। आज आप भगवान शंकर के त्रिशुल के समान प्रचंड होकर, देश की उत्तरी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि सीमा पर उभरते किसी भी परिस्थिति का सामना करने में आप सक्षम है।
हम न तो किसी को आंख दिखाना चाहते हैं, न किसी का आंख दिखाना मंज़ूर है
रक्षा मंत्री ने आगे कहा हम विश्वशांति के पुजारी हैं। हम शस्त्र भी धारण करते हैं तो शांति की स्थापना के लिए। भारत ने आज तक किसी भी देश पर न तो आक्रमण किया है न ही किसी भी देश की एक इंच ज़मीन पर हमने कब्ज़ा किया है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों के साथ बातचीत के ज़रिए समाधान निकालने की कोशिश की जानी चाहिए। मंशा साफ़ होनी चाहिए। हम न तो किसी को आंख दिखाना चाहते हैं, न किसी का आंख दिखाना मंज़ूर है। हमारी सेना में हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने की क्षमता है।