राफेल विमान सौदे की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने और इस सौदे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में सत्ता पक्ष द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से माफी की मांग सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक बुधवार को शुरू होने के कुछ ही देर बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से आज भी उच्च सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाए। गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लगातार छठे कामकाजी दिन उच्च सदन की बैठक बाधित हुई।
सुबह, बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। उन्होंने क्रिसमस की वजह से सदस्यों के अनुरोध पर सोमवार 24 दिसंबर से बुधवार 26 दिसंबर तक अवकाश का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह तीन दिन के इस अवकाश के मद्देनजर वह सदस्यों से अनुरोध करते हैं कि वे सहयोग करें और सदन की कार्यवाही चलने दें। उन्होंने फिर संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल को अपनी बात रखने की अनुमति दी।
गोयल ने कहा कि कल सदन में तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और केरल में चक्रवात की वजह से हुए विनाश और वहां के हालात पर चर्चा शुरू होने वाली थी, अन्नाद्रमुक सदस्य डॉ वी मैत्रेयन इस चर्चा में हिस्सा लेने वाले थे, लेकिन ‘‘उसी समय कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य आनंद शर्मा ने कहा कि मैंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से माफी की मांग की है।’’ गोयल ने कहा ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष दूसरे सदन के सदस्य हैं। मैंने उनका नाम नहीं लिया था। मैंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था को देखते हुए कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए।’’
गोयल ने कहा कि सरकार राफेल मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कांग्रेस पर सदन की कार्यवाही में व्यवधान डालने का आरोप लगाते हुए मांग की कि आनंद शर्मा को अपने शब्द वापस लेने चाहिए। संसदीय कार्य राज्य मंत्री गोयल ने आनंद शर्मा पर सदन को गुमराह करने का आरोप भी लगाया। सभापति ने कहा कि वह रिकार्ड पर गौर करेंगे। इसी दौरान कांग्रेस के सदस्य राफेल विमान सौदे की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग करते हुए आसन के समक्ष आ गए।
बीजेपी के सदस्यों ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से राफेल मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में माफी की मांग उठाई। इसी दौरान अन्नाद्रमुक और द्रमुक के सदस्य कावेरी नदी पर बांध बनाए जाने का विरोध करते हुए आसन के समक्ष आ गए। आंध्रप्रदेश के सदस्य अपने राज्य को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग करते हुए आसन के पास आ गए। हंगामा कर रहे सदस्यों के हाथों में अपनी अपनी मांगों के समर्थन में तख्तियां थीं।
सभापति ने सदस्यों से सदन में तख्तियां नहीं दिखाने और अपने स्थानों पर लौट जाने की अपील की। उन्होंने कहा ‘‘लगता है कि कुछ सदस्यों को छोड़ कर, बाकी सदस्य नहीं चाहते कि सदन चले।’’ इसके बाद उन्होंने 11 बजकर करीब दस मिनट पर बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी।