राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों के निलंबन को लेकर सोमवार को खूब हंगामा हुआ। निलंबित सदस्यों के सदन से बाहर नहीं जाने के कारण सदन की कार्यवाही के चार बार स्थगन के बाद मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। निलंबित सदस्यों ने सदन में खड़े होकर नारेबाजी भी की।
चार बार के स्थगन के बाद जब सदन की कार्यवाही 12 बजे शुरू हुई तो पीठासीन अधिकारी भुवनेश्वर कलिता ने कहा कि निलंबित सदस्य सदन से बाहर चले जायें जिससे सदन की कार्यवाही चलायी जा सके। उन्होंने कहा कि सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद को बोलने की अनुमति दी गयी है लेकिन इससे पहले निलंबित सदस्यों के सदन से बाहर जाना होगा। इस पर विपक्षी दल कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आप के सदस्य नारेबाजी करने लगे।
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उप सभापति ने सदस्यों से कहा कि वे अपनी सीटों पर चले जायें तो विपक्ष के नेता अपनी बात रख सकते हैं। लेकिन विपक्षी सदस्यों का शोर शराबा जारी रहा। स्थिति को देखते हुए भुवनेश्वर कलिता ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। सभापति एम वेंकैया नायडू ने आज सुबह अमर्यादित आचरण करने के लिए विपक्ष के आठ सदस्यों को सत्र की शेष अवधि के लिए निलम्बित कर दिया था।
इन सदस्यों में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, कांग्रेस के सैयद नासिर हुसैन, रिपुन बोरा, राजीव सातव, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के के के रागेश और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के इलामारम करीम शामिल हैं।