देश में बेरोजगारी के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लेने जा रहे किसान नेता राकेश टिकैत को रविवार को दिल्ली में प्रवेश की कोशिश करने पर गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
टिकैत ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस केंद्र के इशारे पर काम कर रही है और उन्हें बेरोजगार युवाओं से नहीं मिलने दिया गया।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के अहम चेहरे टिकैत को गाजीपुर बॉर्डर पर दोपहर के करीब रोक लिया गया।
विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) दीपेंद्र पाठक ने कहा, ‘‘ उसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया और मधु विहार थाने ले जाया गया, जहां पुलिस ने उनसे लौट जाने का अनुरोध किया। ’’
उन्होंने बताया कि टिकैत ने पुलिस के अनुरोध को स्वीकार कर लिया और ‘‘उन्हें वापस भेज दिया गया।’’
कई किसान नेता एवं संगठन संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति (एसआरएएस) द्वारा आयोजित ‘‘रोजगार संसद’’ में हिस्सा लेने के लिए जंतर-मंतर पर जुटे थे।
समिति ने एक बयान में कहा कि इस आंदोलन में हिस्सा लेने आ रहे टिकैत को बॉर्डर पर पुलिस ने रोक लिया।
आप नेताओं --गोपाल राय एवं संजय सिंह तथा किसान नेताओं --गुरनाम सिंह चढूनी और ऋषिपाल अंबावत ने रविवार को इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि टिकैत को इसलिए हिरासत में लिया गया, क्योंकि दिल्ली पुलिस राष्ट्रीय राजधानी में ‘अनावश्यक भीड़भाड़’ रोकने का प्रयास कर रही है।
टिकैत ने ट्वीट किया, ‘‘ सरकार के इशारे पर काम कर रही दिल्ली पुलिस किसानों की आवाज को नहीं दबा सकती। यह गिरफ्तारी एक नई क्रांति लेकर आएगी। यह संघर्ष अंतिम सांस तक जारी रहेगा। न रुकेंगे, न थकेंगे और न ही झुकेंगे।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘ मोदी सरकार बेरोजगारों, नौजवानों, किसानों और मजदूरों के दमन और उत्पीड़न पर उतारू है। अधिकारों की लड़ाई के लिए लंबे संघर्ष को तैयार रहना होगा। केंद्र की शह पर दिल्ली पुलिस ने मुझे बेरोजगार युवाओं से नहीं मिलने दिया। ’’
दिल्ली के मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल राय ने टिकैत को हिरासत में लिये जाने की निंदा की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘जंतर-मंतर पर हो रहे रोजगार आंदोलन में हिस्सा लेने आ रहे किसान नेता राकेश टिकैत को पुलिस ने बॉर्डर पर ही रोक दिया। यह बहुत ही निंदनीय है।’’