किसान नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर केंद्र सरकार के सामने अपनी मांगे रखी है और चेतावनी दी है कि यदि जरूरत पड़ी तो वे दोबारा आंदोलन करने के लिए तैयार है। टिकैत ने हाल ही में डॉक्टर दर्शन पाल के नेतृत्व में 35 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल बनवाली लाल पुरोहित के जरिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपनी मांगों से अवगत कराया है। राकेश टिकैत, केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में हुए आंदोलन के समय एक किसान नेता के रूप में उभरे थे यह काफी समय तक चला था हालांकि सरकार ने नवंबर 2021 ने तीनों कानूनों को वापस ले लिया था।
यह आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है : टिकैत
राकेश टिकैत ने शुक्रवार को मोहाली में करीब 50 फार्म यूनियन और सामाजिक संगठनों को संबोधित किया। अपने संबोधन में टिकैत ने कहा, अभी आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, यदि केंद्र सरकार को लगता है कि, संयुक्त किसान मोर्चा बंट गया है तो वह गलत है। बता दें कि, किसानों ने बीबीएमबी में पंजाब और हरियाणा के सदस्यों के स्थाई प्रतिनिधित्व को खत्म करने का फैसला वापस लेने की मांग की है।
आशीष मिश्रा को सजा देने की भी मांग की
किसानों ने अपनी मांग में पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के सिलेबस की किताबों में सिख इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने और उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई और आशीष मिश्रा और उनके सहयोगियों को सजा देने की मांग की है। इसके अलावा किसानों ने स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों के आधार पर सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने के लिए कानून और एमएसपी के तहत सभी फसलों की खरीद की गारंटी की मांग कर रहे हैं।
यह आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है : टिकैत
राकेश टिकैत ने शुक्रवार को मोहाली में करीब 50 फार्म यूनियन और सामाजिक संगठनों को संबोधित किया। अपने संबोधन में टिकैत ने कहा, अभी आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, यदि केंद्र सरकार को लगता है कि, संयुक्त किसान मोर्चा बंट गया है तो वह गलत है। बता दें कि, किसानों ने बीबीएमबी में पंजाब और हरियाणा के सदस्यों के स्थाई प्रतिनिधित्व को खत्म करने का फैसला वापस लेने की मांग की है।
आशीष मिश्रा को सजा देने की भी मांग की
किसानों ने अपनी मांग में पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के सिलेबस की किताबों में सिख इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने और उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई और आशीष मिश्रा और उनके सहयोगियों को सजा देने की मांग की है। इसके अलावा किसानों ने स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों के आधार पर सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने के लिए कानून और एमएसपी के तहत सभी फसलों की खरीद की गारंटी की मांग कर रहे हैं।
