नई दिल्ली : भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में पीडीपी से समर्थन वापस लेकर सरकार गिराने के फैसले को उनके लिए हजम कर पाना आसान नहीं था। राम माधव पीडीपी के मरहूम संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद के बहुत करीबी थे और उनके साथ काम किया था।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में साल 2015 में भाजपा की ओर से मध्यस्थ की भूमिका निभाते हुए मुफ्ती मोहम्म्द सईद की बेटी महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनवाई थी। उन्होंने हिन्दुस्तान टाइम्स के पत्रकार प्रशांत झा और कुमार उत्तम के साथ बातचीत में महबूबा मुफ्ती सरकार से भाजपा के समर्थन वापस लेने की वजहों के बारे में खुलकर बताया। राम माधव ने जम्मू-कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार की आगे की रणनीति के बारे में भी बातचीत की।
घाटी में हालात देखने के बाद इस बारे में पिछले कुछ महीनों से विचार चल रहा था। इसके तहत हमने कुछ समय के लिए राज्य की प्रशासनिक जिम्मेदारी गवर्नर के हाथों में सौंपने की ठानी। सुरक्षाबलों की भी यही मांग थी। जम्मू-कश्मीर के मुद्दों पर दोनों पार्टियों के बीच आम सहमति नहीं बन पा रही थी। हमने अन्य किसी चीज के बारे में ना सोचते हुए राष्ट्रहित को सर्वोपरी रखा। क्षेत्रीय पार्टी होने के नाते पीडीपी के निर्णयों में स्थानीय मुद्दों हावी रहते थे। हमें लगा कि अब अंतिम निर्णय करने यह सही फैसला है।
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