नवरात्र के आठवें और नौवें दिन कन्या पूजन और 9 कन्याओं को घर बुलाकर खाना खिलाने का विधान होता है। नवमी के दिन कन्याओं को नौ देवी स्वरुप मानकर इनका स्वागत किया जाता है।
इस साल अष्टमी तिथि 24 मार्च सुबह 10 बजकर 15 मिनट से शुरू हो जाएगी जो 25 मार्च की सुबह 8 बजकर 15 मिनट तक रहेगी। इसलिए जो लोग आज (24 मार्च) को कन्या पूजन कर रहे हैं वे 10 बजे के बाद ही करें। इसके अलावा जो लोग 25 मार्च को कन्या पूजन करेंगे वो सुबह 8 बजकर 15 मिनट के बाद कर सकते हैं।
कन्या पूजा की विधि
नवरात्र के दौरान कन्या पूजन का बड़ा महत्व है। नौ कन्याओं को नौ देवियों के रूप में पूजने के बाद ही नवरात्र पूरे माने जाते हैं। इस दिन कन्या पूजन से पहले कन्याओ को निमंत्रण देना चाहिए। इसके बाद कन्या पूजन के दिन पहले सभी कन्याओं के पैरों को दूध और पानी से भरे थाल में उनके पैरों को धोना चाहिए और पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। इसके बाद इसके बाद सारी कन्याओं को टीका लगाना चाहिए। इसके बाद कन्याओं को कन्याओं को भोजन कराएं और दक्षिणा देकर उन्हें विदा करें।
रामनवमी उत्साह
वही , भगवान रामचन्द्रजी का जन्मोत्सव रामनवमी को दुनिया भर में पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। वैष्णव समुदाय में खासतौर पर इसका उत्साह देखने को मिलता है। देशभर में लोग इसे अपने तरीके से मनाते हैं। चैत्र मास की प्रतिपदा से लेकर नवमी तक नवरात्रि मनाई जाती है। नौ दिन के चैत्र नवरात्रि उत्सव का अंतिम दिन राम नवमी है। रामनवमी का त्यौहार चैत्र शुक्ल की नवमी को मनाया जाता है। इसे राम जन्म की खुशी में मनाते हैं।
लेकिन साल 2018 के पंचांग को देखें तो पाएंगे कि इसमें नवमी तिथि का क्षय हो गया है यानी चैत्र शुक्ल नवमी तिथि इस साल मान्य नहीं होगी। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि अष्टमी तिथि 24 तारीख को 10 बजकर 6 मिनट से शुरू हो जाएगी और 25 मार्च को 8 बजकर 3 मिनट तक रहेगी। 26 मार्च को सूर्योदय के समय दशमी तिथि रहेगी। नवमी तिथि को सूर्योदय नहीं मिलने के कारण इसका क्षय माना गया है।
ऐसे में रामनवमी कब और कैसे मनेगी इस बारे में वामन पुराण में कहा गया है कि- चैत्र शुक्ला तु नवमी पुनर्वसु युता यदि। सैव मध्याह्नयोगेन महापुण्यफल प्रदा।। साथ ही यह भी मत है कि ‘अष्टमी नवमी युक्ता, नवमी च अष्टमीयुतेति।।’ कुल मिलाकर शास्त्रों और पुराणों की इन बातों को मानें तो अष्टमी तिथि को अगर दोपहर में नवमी तिथि पड़ रही हो और पुनर्वसु नक्षत्र हो तो यह महापुण्यदायी है।
जानिए ! राम नवमी पूजा शुभ मुहूर्त
राम नवमी का शुभ मुहूर्त – सुबह 11:14 बजे से 13:40 तक
शुभ मुहूर्त की कुल अवधि -2 घंटा 25 मिनट
राम नवमी के दिन पूजा का सबसे उत्तम समय दोपहर 12:27 मिनट तक है।
नवमी तिथि का प्रारंभ 25 मार्च 2018 (रविवार) को 08:02 से होगा।
नवमी तिथि का समापन 26 मार्च 2018 (सोमवार) 05:54 बजे होगा।
राम नवमी व्रत विधि
रामनवमी के दिन जो लोग व्रत रखते हैं उन्हें आठ प्रहर फलहार पर रहना होता है। मतलब कि रविवार के सूर्योदय से लेकर सोमवार के सूर्योदय तक उनका व्रत रहेगा। सुबह भगवान सूर्य के बाद इस व्रत की शुरुआत होती है। इस दिन भक्तों को ऊँ श्री रामाय: नम: या ऊँ श्री राम जय श्री राम जय जय राम मंत्र का उच्चारण करना होता है। इस व्रत से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होता हैं और उसे स्वस्थ जीवन, सम्पन्नता, खुशहाली और मन की शांति मिलती है।
रामनवमीं पर राशि के प्रभाव
मेष (ARIES) (21 मार्च से 20 अप्रैल)
मेष राशि वाले लड्डू और अनार का भोग लगाएं तो अच्छा रहेगा।
वृष (TAURUS) (21 अप्रैल से 20 मई)
वृष राशि वाले जातक श्रीराम को रसगुल्ले का भोग लगाएं तो उनकी हर मनोकामना पूरी होगी
मिथुन (GEMINI) (21 मई से 21 जून)
मिथुन राशि वाले काजू की मिठाई भगवान श्रीराम को अर्पित करें।
कर्क (CANCER) (22 जून से 23 जुलाई)
कर्क राशि वाले मावे की बर्फी और नारियल का भोग लगाएं।
सिंह (LEO) (24 जुलाई से 22 अगस्त)
सिंह राशि वाले गुड़ व बेल का फल श्रीराम को भोग में चढ़ाएं।
कन्या (VIRGO) (23 अगस्त से 22 सितंबर)
कन्या राशि वाले श्रीराम को तुलसी के पत्ते और नाशपाति अथवा कोई भी हरे फल का भोग लगाएं।
तुला (LIBRA) (23 सितंबर से 23 अक्तूबर)
तुला राशि वाले कलाकंद और सेब का भोग लगाएं।
वृश्चिक (SCORPIO) (24 अक्तूबर से 21 नवंबर)
वृश्चिक राशि वाले गुड़ की रेवड़ी का भोग लगाएं।
धनु (SAGITTARIUS) (22 नवंबर से 21 दिसंबर)
धनु राशि वाले बेसन की मिठाई का भोग लगाएं।
मकर (CAPRICORN) (21 दिसंबर से 19 जनवरी)
मकर राशि वाले पीला पेड़ा चढ़ाएं, उन्हें धन लाभ होगा।
कुम्भ (AQUARIUS) (20 जनवरी से 18 फरवरी)
कुंभ राशि वाले चॉकलेटी रंग की बर्फी और चीकू चढ़ाएं।
मीन (PISCES) (19 फरवरी से 20 मार्च)
मीन राशि वाले भगवान श्रीराम को जलेबी और केले का भोग लगाएं। इससे सभी रुके हुए काम शीघ्र ही हो जाएंगे।
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