रेप मामले में डेरा प्रमुख राम रहीम के दोषी करार दिए जाने के बाद हिंसा से हरियाणा-पंजाब में तनाव बरकरार है। इस बीच हरियाणा के डीजीपी बी एस संधू ने बताया कि 28 अगस्त को राम रहीम को कोर्ट न ले जाकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सजा सुनायी जाएगी। सूत्रों के हवाले से खबरें आ रही है कि जज को हेलीकॉप्टर से कोर्ट ले जायेगे । यह फैसला हरियाणा में हुई हिंसा को देखते हुए लिया गया है।
बता दे कि राम रहीम को जेल मैं नई पहचान मिली है कैदी नंबर 1997 ।
वही हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू ने बताया कि राम रहीम के डेरा मुख्यालय से AK-47 और पेट्रोल बम जैसे घातक हथियार मिले हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि शुक्रवार को हुई हिंसा में मारे गए लोग डेरा समर्थक थे। ये सभी लोग बाहर से आए थे। इस बीच खबर आई है कि सेना ने सिरसा में डेरा मुख्यालय को अपने कब्जे में ले लिया है। हालांकि आधिकारिक बयान में इस बात का खंडन करते हुए कहा गया है कि सेना डेरा मुख्यालय के अंदर नहीं घुसी, वहीं आस-पास के इलाके तक ही रही। वहीं शांति बहाली में जुटी सेना ने भी कहा है कि सेना का सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा मुख्यालय में घुसने का कोई प्लान नहीं है।
आपको बता दे कि साध्वी रेप केस में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सीबीआई कोर्ट की ओर से दोषी करार दिए जाने के बाद डेरा समर्थकों ने पंजाब, हरियाणा से लेकर दिल्ली तक गुंडागर्दी शुरू कर दी। लगातार पुलिस पर पथराव और गाडियों के जलाया गया। अब तक करीब 31 लोगों की जान जा चुकी है। और बड़ी संख्या में घायल हो गए ।
जानिए राम रहीम के अब तक के मामले के बारे में :
25 अगस्त 2017 : CBI कोर्ट ने राम रहीम को दोषी करार दिया। CBI एडवोकेट HPS वर्मा ने बताया कि डेरा चीफ को कम से कम 7 साल की सजा सुनाई जाएगी और इसे उम्रकैद तक बढ़ाया भी जा सकता है।
17 अगस्त 2017 : मामले की बहस खत्म हुई।
25 जुलाई 2017 : कोर्ट ने रोज सुनवाई करने के निर्देश दिए ताकि केस जल्द निपट सके।
जून 2017 : डेरा प्रमुख ने विदेश जाने के लिए अपील दायर की तो कोर्ट ने रोक लगा दी।
जुलाई 2016 : केस के दौरान 52 गवाह पेश हुए। इनमें 15 प्रॉसिक्यूशन और 37 डिफेंस के थे।
2011 से 2016 : लंबा ट्रायल चला। डेरा मुखी की ओर से अपीलें दायर हुईं।
अगस्त 2008 : ट्रायल शुरू हुआ और डेरा मुखी के खिलाफ चार्ज तय किए गए।
जुलाई 2007 : CBI ने अंबाला CBI कोर्ट में चार्जशीट फाइल की। यहां से केस पंचकूला शिफ्ट हो गया और बताया गया कि डेरे में 1999 और 2001 में कुछ और साध्वियों का भी यौन शोषण हुआ, लेकिन वे मिल नहीं सकीं।
दिसंबर 2003 : CBI को जांच के निर्देश दिए गए। 2005-2006 के बीच में सतीश डागर ने इन्वेस्टिगेशन की और उस साध्वी को ढूंढा जिसका यौन शोषण हुआ था।
दिसंबर 2002 : CBI ब्रांच ने राम रहीम पर धारा 376, 506 और 509 के तहत केस दर्ज किया।
मई 2002 : लेटर के फैक्ट्स की जांच का जिम्मा सिरसा के सेशन जज को साैंपा गया।
अप्रैल 2002 : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट और तब के पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को एक साध्वी ने शिकायत भेजी।