अयोध्या के राम मंदिर- बाबरी मस्जिद मुद्दे को लेकर आध्यात्मिक गुरु श्री श्रीरविशंकर ने आज यहां श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष तथा मणिराम दास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास से मुलाकात की।
इस दौरान दोनों के बीच करीब करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई। इस मीटिंग के बाद दास ने कहा कि श्री श्री हमारे प्रेम में मिलने मिलने के लिए आए थे और अयोध्या मसले पर कोई बात नहीं हुई। इससे पहले विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने श्री श्री की समझौता वार्ता में शामिल होने से इनकार किया।
आपको बता दे कि नृत्यगोपाल दास के साथ उनके उत्तराधिकारी कमल नयैन दास, निरमोही अखांडे सरपंच महंत राम दास समेत करीब दो दर्जन साधू संत मौजूद थे। आधे घंटे चली मीटिंग के बाद श्री श्री रविशंकर ने मीडिया से कहा कि वो इस मसले का सौहार्दपूर्ण हल चाहते हैं। मुकदमा चलने से एक पक्ष जीतेगा और दूसरा पक्ष हारेगा, लेकिन सुलाह होने से सभी की जीत होगी और देश की जीत होगा। उन्होंने कहा कि ये काम बहुत कठिन है. मुझे थोड़ा समय दीजिए तीन महीने या छह महीने में जरूर कोई हल निकलेगा।
वही ,अयोध्या के मंदिर-मस्जिद मुद्दे को कोर्ट के बाहर सुलझाने के लिए श्री श्री रविशंकर गुरुवार को लखनऊ से अयोध्या पहुंचे। उनकी इस पहल को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इस पर उन्होंने कहा कि आरोप-प्रत्यारोप से बात नहीं बनेगी। बैठकर बात करनी पड़ेगी। मेरे पास कोई फॉर्मूला नहीं है। बात करने से ही फॉर्मूला निकलेगा। मैं सब को मनाने आया हूं।
आपको बता दें कि श्रीश्री ने इसके पहले बुधवार को लखनऊ में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व कई हिंदू संगठनों से चर्चा की। मुलाकात के बाद सीएम योगी ने कहा, चर्चा से कोई विवाद हल हो, इससे अच्छा कुछ हो नहीं सकता।
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद और धार्मिक गुरु राम विलास वेदांती ने बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद में मध्यस्थता करने को लेकर श्री श्री रविशंकर पर निशाना साधा है। वेदांती ने कहा है कि श्री श्री रविशंकर मध्यस्ता करने वाले कौन होते हैं, उन्हें अपना एनजीओ चलाते रहना चाहिए।
वेदांती ने कहा कि श्री श्री रविशंकर मध्यस्थता करने वाले कौन होते हैं हैं? उन्हें अपना एनजीओ चलाना चाहिए और विदेशी फंड को जमा करना चाहिए। मेरा मानना है कि उन्होंने खूब संपत्ति बना ली है और उसकी जांच से बचने के लिए वे राम मंदिर विवाद में कूद पड़े हैं।
वहीं निर्मोही अखाड़ा के प्रमुख और इस विवाद में एक पक्षकार महंत दिनेंद्र दास ने भी श्री श्री पर आरोप लगाया है। महंत ने कहा कि विवादिन जमीन से अपना दावा छोड़ने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड से 20 करोड़ रुपए की डील हो रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड से श्री श्री रविशंकर डील कर रहे हैं।
इनके साथ ही मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य एजाज अरशद कासमी ने भी कहा है कि श्री श्री रविशंकर चाहते हैं कि मुस्लिम इस विवादित जमीन पर अपना दावा छोड़ दें।