नई दिल्ली : अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण आपसी सहमति से हो यदि आपसी सहमति से बात नहीं बनती है तो फिर उच्चतम न्यायालय इस पर अपना फैसला दे। यह कहना है हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का। मुख्यमंत्री शुक्रवार को आगामी सात से 23 दिसंबर तक कुरुक्षेत्र में होने वाले अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के प्रचार-प्रसार के लिए ऐतिहासिक लाल किला मैदान में एक प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर खट्टर ने कहा कि राम की जन्मस्थली आयोध्या में आपसी सहमति से राम मंदिर का ही निर्माण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि आपसी सहमति से बात नहीं बनती है तो फिर उच्चतम न्यायालय इस मुद्दे पर अपना फैसला सुनाये। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि केन्द्र द्वारा राम मंदिर निर्माण पर अध्यादेश लाने की बात पूरी तरह से बेबुनियाद है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुरुक्षेत्र में 1989 से गीता जयंती महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। पहले इसे राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता था लेकिन वर्ष 2016 से केन्द्र सरकार ने इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान देने की कोशिश शुरू की। इसीलिए इसे अंतरराष्ट्रीय महोत्सव के रूप में मनाने का निर्णय किया गया।
अयोध्या में धर्मसभा की तैयारी जोरो पर, ढाई लाख राम भक्त पहुंचने की संभावना
मुख्यमंत्री ने कहा कि गीता जयंती महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने की बात हमारे मन में तब आयी, जब वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महादेव देसाई द्वारा रचित गीता तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को भेंट की।
कुरुक्षेत्र में होने वाले गीता जयंती महोत्सव में इस वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर गुजरात और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मॉरीशस अपनी सहभागिता देंगे। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन की तरफ से भी हमें आग्रह मिला है, बात भी चल रही है। जबकि 2019 में मॉरीशस में इसका आयोजन हो सकता है।