देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य ज़ोरो पर है। इस बीच श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर घोटाले का गंभीर आरोप लगा है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। वहीं कांग्रेस ने भी आरोपों को लेकर सवाल खड़े किए हैं। इन आरोपों को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कांग्रेस पर हमला किया है।
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल ने मंगलवार को कहा, राहुल गांधी, उनका परिवार और विपक्ष हमेशा राम मंदिर के बनने में रोड़ा बनते रहे हैं। राम मंदिर के लिए अगर कोई पड़ोस की जमीन 10 गुने दाम पर भी दे तो मैं नहीं मानता कि कोई ट्रस्ट या समाज उसे छोड़ेगा।
ट्रस्ट ने आरोपों को बताया भ्रामक
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सभी आरोपों को भ्रामक बताते हुए कहा कि जितना क्षेत्रफल है उसकी तुलना में इस भूमि का मूल्य 1423 रुपये प्रति वर्ग फीट है जो बाजार मूल्य से बहुत कम है। मालिकाना हक का निर्णय करना बहुत जरूरी था जो कराया गया। हमने जमीन का एग्रीमेंट करा लिया। अभी बैनामा कराया जाना बाकी है।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और समाजवादी पार्टी के नेता पवन पांडेय ने कहा था कि मंदिर ट्रस्ट ने जमीन 18 करोड़ रुपये में उन लोगों से खरीदी थी जिन्होंने इसे केवल दो मिनट पहले दो करोड़ रुपये में खरीदा था। अन्य विपक्षी दलों ने भी न्यास पर “भूमि घोटाला” करने का आरोप लगाया और सीबीआई तथा ईडी से जांच कराने की मांग की।
सूत्रों ने कहा कि ट्रस्ट ने शनिवार रात को केंद्र सरकार को स्पष्टीकरण भेजा और कहा कि उसने वर्तमान दर से अधिक में जमीन का सौदा नहीं किया। चंपत राय ने सोमवार को कहा कि राम मंदिर परिसर को विस्तार देने के लिए जिन लोगों की संपत्ति खरीदी गई थी उनके पुनर्वास के लिए उक्त जमीन खरीदी गई। उन्होंने कहा, “हम जमीन खरीदने में पूरी पारदर्शिता बरत रहे हैं।” राय ने कहा कि पैसा जमीन बेचने वालों के बैंक खाते में जा रहा है।